Lohri and Makar Sankranti
तन में मस्ती मन में उमंग चलो सारे !!
एक संग आज उड़ायें आकाश !!
में पतंग उछाले हवा में संक्रांति के रंग !!
सूरज की राशि बदलेगी बहुतों की किस्मत !!
बदलेगी यह साल का पहला पर्व होगा !!
जब हम सब मिलकर खुशियाँ मनायेगें अपार !!
मीठी बोली मीठी जुबान !!
मकर संक्रांति का यही पैगाम !!
मकर संक्रांति की शुभकामनायें !!
बेसन की रोटी निम्बू का आचार !!
दोस्तों की खुसी अपनों का प्यार सावन !!
की बरसात किसी का इंतजार मुबाक हो आपको !!
मकर संक्रांतीच्या पहिल्या दिवसाच्या !!
आपल्या सर्वाना हार्दिक शुभेच्छा !!
भोगीच्या हार्दिक शुभेच्छा !!
इश्क की पतंगे उडाना छोड़ दी !!
वरना हर हसीनाओं की !!
छत पर हमारे ही धागे होते !!
बंदे हैं हम देश के !! हम पर किसका ज़ोर !!
मकर संक्रान्ति में उड़े पतंगे चारों ओर !!
लंच में खाएं फिरनी गोल !!
अपना मांझा खुद सूतने आज हम चले छत की ओर !!
मंदिर की घंटी !! आरती की थाली !!
नदी के किनारे सुरज की लाली !!
जिंदगी में आये खुशियों की बहार !!
आपको मुबारक हो पतंगों का त्योहार !!
तील हम है और गुड़ हो आप !!
मिठाई हम है और मिठास हो आप !!
इस साल के पहले त्योहार से हो रही आज शुरुआत !!
आपको हमारी ओर से मकर संक्रान्ति का उपहार !!
पल पल सुनहरे फूल खिले !!
कभी न हो काटों का सामना !!
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे !!
मकर संक्रांति पर यही है यही है हमारी शुभकामना !!
पतंगों का नशा !! मांझे की धार !!
सर्दी की मार !! फिर भी दिल है बेक़रार !!
मुबारक हो आपको पतंगों का त्यौहार !!
तन में मस्ती !! मन में उमंग देकर सबको अपनापन !!
गुड़ में जैसे मिठापन होकर साथ !!
हम उड़ाये पतंग भर दें आकाश में अपने रंग !!
मुंगफली की ख़ुशबू !!
और गुड़ की मिठास !!
दिलों में खुशी और अपनो का प्यार !!
मुबारक हो आपको मकर संक्रांति का त्योहार !!
सुंदर कर्म शुभ पर्व !!
हर पल सुख और हर दिन शान्ति !!
आप सबके लिए लाये मकर संक्रांति !!
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी !!
टूटे ना कभी डोर विश्वास की !!
छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी !!
जैसे पतंग छूती है ऊँचाइयाँ आसमान की !!
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