Fikar love shayari
बहुत फ़िक्र होने लगी है !!
मुझे अब मेरी !!
कोई बात तेरी !!
मेरे दिल तक नहीं जाती !!
मुस्कान के सिवा !!
कुछ न लाया कर चेहरे पर !!
मेरी फ़िक्र हार जाती है !!
तेरी मायूसी देखकर !!
कभी आओ बैठते है !!
बतलाते है !!
दुनिया की फिक्र छोड़ !!
दिल की सुनाते है !!
चेहरों की इतनी फ़िक्र क्यूँ है !!
रंगों की इतनी क़द्र क्यूँ है !!
हुस्न अस्ल किरदार का है !!
गोरा काले से बेहतर क्यूँ है !!
फ़िक्र ये थी कि !!
शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे !!
लुत्फ़ ये है कि !!
हमें याद न आया कोई !!
मेरी आधी फिक्र !!आधे ग़म तो !!
यूँ ही मिट जाते हैं !!
जब प्यार से तू मेरा !!
हाल पूछ लेती है !!
किसको यह फ़िक्र है कि !!
कबीले का क्या हुआ !!
सब इस बार लड़ रहे है !!
कि सरदार कौन है !!
उलझन में हूं या दुख में हूं !!
दोस्त है मेरा फिक्र करेगा !!
दूर है फिरभी भूलेगा नही !!
कभी तो मेरा जिक्र करेगा !!
फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है !!
बस जिक्र करने का हक नही रहा !!
दो आँखो मे दो ही आँसू !!
एक तेरे लिए !!एक तेरी खातिर !!
दूर होते नहीं जो !!
दिल मे रहा करते हैं !!
हम रहें आपके पास !!
यही दुआ करते हैं !!
ना रास्ते की फिकर !!
ना मंज़िल का गिला !!
हम तो मुसाफिर हैं !!
मुश्किल से मिला करते हैं !!
जी भर क देखू तुझे !!
अगर गवारा हो !!
बेताब मेरी नज़रे हो !!
और चेहरा तुम्हारा हो !!
जान की फ़िक्र हो !!
न जमाने की परवाह !!
एक तेरा प्यार हो !!
जो बस हमारा हो !!
टूटे दिल की अपनी ना फ़िकर !!
पर उसकी फ़िकर किये जा रहा हूँ !!
समझ नही आता कि ये इश्क़ हैं !!
या कोई हद किये जा रहा हूँ !!
चोट लगी तो अपने अन्दर !!
चुपके चुपके रो लेते हो !!
अच्छी बात है आसानी से !!
जख्मों को तुम धो लेते हो !!
दिन भर कोशिश करते हो !!
सबको गम का दरमाँ मिल जाये !!
नींद की गोली खाकर !!
शब भर बेफ़िक्री में सो लेते हो !!
अब तेरा ज़िक्र नही !!
अब तेरी फ़िक्र नही !!
क्यू की तू वो नही रहा !!
जिससे मैने,मोहब्बत की थी !!
अब तू बन चुका है वो !!
जिसके बारे मैने कभी सोचा भी नही !!
हमको तो अपने सर को !!
छुपाने की फ़िक्र है !!
उनको नया मकान !!
बनाने की फ़िक्र है !!
उसने लगा दी आग !!
की बाकी कुछ ना रहे !!
मुझको हर एक चीज !!
बचाने की फ़िक्र है !!
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