दिल टुटा शायरी हिंदी
जान जान कह के मुझे प्यार से बुलाता था !!
हाथ मेरा पकड़ कर मुझे सीने से लगाता था !!
कैसे भूल जाऊं मैं अब वो सारे पल !!
जब मैं रूठ कर बैठती थी तो वो नाज़ों से मनाता था !!
जिसे चाहा हमने यारो अपनी जिंदगी से भी ज्यादा !!
झूठा निकला उसका यारो हर एक वादा !!
कहती थी वो कभी तुझे छोड़ कर नहीं जाउंगी !!
जहाँ से मौत भी वापिस चली जाए वहां तक साथ निभाऊंगी !!
मुहं के वो मीठे थे,बेड़ी हमारी बीच मझदार छोड़ गए !!
जिनपर इतना भरोसा था,वो तोड़ हमारा ऐतबार गए !!
हम जान जान कहते रहे,वो जान से हमको मार गए !!
अगर तूने सोचा होता मेरे बारे तो ये दिन नहीं आता !!
तेरी नींदों को मैं ऐसे न सताता !!
बस तेरी एक हाँ में हाँ चाहते थे !!
कर और किसी से प्यार तुझे कभी न रुलाता !!
रोया था मैं उस दिन तुझे याद करके !!
तू चली गई थी जिस दिन मुझे बर्बाद करके !!
पर अब समय वो नहीं,मैं संभल गया !!
आज देखले आकर तू,कितना मैं बदल गया !!
तुझे प्यार करना मेरा कसूर हो गया !!
जो तेरे करके आया था वो नूर खो गया !!
तेरी बेवफाई का सिला मुझे ये मिला !!
तेरा दिया हर जख्म नासूर हो गया !!
अपना जिसे कहते थे वो गैर हो गया !!
प्यार तो बहुत किया था पर वैर हो गया !!
इश्क़ का पानी पिया था वो भी जहर हो गया !!
अपना जिसे कहते थे वो गैर हो गया !!
कई सालों से जिस पर हम मरते थे !!
दिल अपना जिसके नाम करते थे !!
कभी पूछ ना पाए उस से अपने बारे !!
क्योंकि ना सुनने से हम डरते थे !!
क्यों उदास है ऐ मेरे दिल !!
वो अमीरों से यारी लगाना सीख गए !!
कमी होगी हम में भी जरूर कोई !!
तभी गैरों संग दिल लगाना सीख गए !!
तुझ से है प्यार हद्द से भी ज्यादा !!
तेरे बिना अब दिल कहीं लगाया नहीं जाता !!
तुझसे दूर हुए तो हम मर जाएंगे !!
तेरे बिना दिल वाले अरमान टूट जाएंगे !!
रही न ताकत अब ज़माने से लड़ने की !!
अंदर ही अंदर तू मुझे खा गई !!
दरवाजा बंद करके मेरे अरमानों का !!
तू मेरी कब्र का दरवाजा खोल गई !!
अब मैंने तेरा होना नहीं !!
तेरे पीछे रोना नहीं !!
तू लाख माफियां मांग !!
भूल कर भी कभी तेरी गली आना नहीं !!
थक गए हम इंतज़ार करते करते !!
रोए हज़ार बार खुद से तकरार करते करते !!
दो शब्द प्यार के बोल देते तो क्या जाता !!
टूट गया दिल एक तरफ़ा प्यार करते करते !!
टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता !!
इश्क में मरीज को आराम नहीं आता !!
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता !!
के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता !!
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है !!
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है !!
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर !!
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है !!
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