तनहा होना बुरा नहीं है !!
तन्हाई महसूस करना बेकार है !!
जो लोग आपको आपसे छीन लेते है !!
ना जाने आप क्यू उन्हें मौका देते है !!
मुँह तो लोग ऐसे फेरते है !!
जैसे वो कितने सही थे !!
हर वक़्त हँसा करो !!
चाहे वक़्त कैसा भी हो !!
मन में उठे विचारो को हराइये !!
ज़िंदगी ना जीत जाए तो कह देना !!
खुद को सुधारिये !!
ज़माना सुधरता नज़र आएगा !!
खुद के मन को तलाश लिया होता !!
खुदा को फिर बाहर ना ढूँढना होता !!
ज़िंदगी के रंग बदलते नज़र आएँगे !!
रब के रंग में रम जाओ ये रंग कभी नहीं जाएंगे
खुदा से ज़माने को माँगा तो क्या किया !!
खुदा से खुदा को माँगा होता तो बेहतर होता !!
अपने बस ये लोग नज़र आ रहे है !!
बाकि है तो असल में पराये !!
आपके रास्ते में कितने ही पत्थर फ़िके !!
उन्हें ठोकर मार आपको अपना रास्ता बनाना है
दिल से प्रशंसा,दिमाग से हस्तक्षेप और !!
विवेक से प्रतिक्रिया देने में ही समझदारी है !!
जब यहाँ किसी का कुछ है ही नहीं !!
फिर खामखा हम चिंता को अपना बना रहे है !!
यहाँ ज़िंदा कोई नहीं बचता !!
फिर भी आप ज़िंदगी मर-मर के जी रहे है !!
दूर तक जाना पड़ेगा !!
तब जाके कही भगवान का दरबार मिलेगा !!
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