Valmiki Jayanti Quotes
अतिसंघर्ष से चंदन में भी आग प्रकट हो जाती है !!
उसी प्रकार बहुत अवज्ञा किए जाने पर ज्ञानी के भी हृदय में भी क्रोध उपज जाता हैं !!
दया का सागर है ज्ञान का स्त्रोत हैं रामायण !!
के सृजन, महान पंडित हैं प्रभु वाल्मीकि गुरु !!
की जयंती पर आप सभी को शुभकामनायें !!
किसी के लिए घृणा का भाव !!
आप अपने मन में रखने से आप खुद मैले हो जाते हैं !!
महर्षि वाल्मीकि !!
रामायण के हैं जो रचयिता संस्कृत के हैं जो कवि महान !!
ऐसे हमारे पूज्य गुरुवर जिनके चरणों में हमारा प्रणाम !!
हैप्पी वाल्मीकि जयंती !!
किसी भी मनुष्य की इच्छाशक्ति अगर उसके साथ हो तो !!
वह कोई भी काम बड़े आसानी से कर सकता है !!
इच्छाशक्ति और दृढ़संकल्प मनुष्य को रंक से राजा बना देती है !!
महत्वाकांक्षा से युक्त मन सदैव रिक्त रहता है !!
इसीलिए वह ठीक उसी प्रकार कहीं भी शांति प्राप्त नहीं करता !!
जैसे अपने समूह से बिछुड़ कर हिरण अशांत होता है !!
संत दूसरों को दु:ख से बचाने के लिए कष्ट सहते रहते हैं !!
दुष्ट लोग दूसरों को दु:ख में डालने के लिए !!
मन कभी भी मनचाही वस्तु प्राप्त होने के बाद भी संतुष्ट !!
नही होता जैसे किसी फूटे हुए बर्तन में चाहे कितना भी !!
पानी भर दिया जाय लेकिन वह कभी पूरा नही भरता !!
लिख दी जिसने कथा सीता राम की !!
बताई भक्ति रामभक्त हनुमान की उन !!
पूज्य गुरुवर को हमारा नमन हैं !!
महर्षि वाल्मीकि जी ने लिखी कथा श्री राम जी की !!
हमको बताई ऋषिवर !!
ने बातें महापुराण रामायण की !!
वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं !!