खुद पर शायरी
मुसीबत और संघर्ष में !!
कोई तुम्हारे साथ नहीं होगा !!
खुद पर भरोसा रखोगे तो !!
कोई तुम-सा ख़ास नहीं होगा !!
ऐसे रिश्तें को संभालने से बेहतर तोड़ देना है !!
जो आपको सुख नहीं दुःख और पीड़ा देता हो !!
कोई मुझे लाकर कुछ दे !!
अब इसकी ख्वाहिश नहीं है !!
मैं खुद के लिए कुछ करूँ !!
अब सिर्फ इसकी ख्वाहिश है !!
अब लड़की लड़ सकती है !!
वो कुछ भी कर सकती है !!
उसे भी बड़े ख्वाब देखने दो !!
उसे रोको और टोको मत !!
अगर आप सचमुच !!
स्त्रियों का सम्मान करते है !!
तो उन्हें आर्थिक रूप से !!
निर्भर होने दीजिये !!
खुद को खोकर किसी को पाने में !!
जो मजा है वह मजा हमको नहीं चाहिए !!
टूटे तो सभी लोग हैं इसलिए कोई इसे !!
छुपा लेता है और कोई मुस्कुरा देता है !!
तेरा दूर चले जाना ही अच्छा था !!
तेरे साथ से ज्यादा मैं अपने आप के साथ खुश हूं !!
थक गई थी मैं लोगों को खुश करते करते !!
तो अब मैंने खुद को खुश रखना सीख लिया !!
खुद ही को खुदा माना खुद ही सजदा किया !!
दिल टूटने का तो सवाल ही नहीं साहेब !!
हमने खुद ही से इश्क किया !!