Sadabahar Shayari
पूछते हैं मुझसे की शायरी लिखते हो क्यों !!
लगता है जैसे आईना देखा नहीं कभी !!
जरा छू लूँ तुमको कि मुझको यकीं आ जाये !!
लोग कहते हैं मुझे साये से मोहब्बत है !!
बरसों हुए न तुम ने किया भूल कर भी याद !!
वादे की तरह हम भी फ़रामोश हो गए !!
ज़िन्दगी तुम मेरी बन जाओ रब से और क्या माँगू !!
जीने की वजह बन जाओ बस ये ही दुआ माँगू !!
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर !!
वो मुस्कुरा कर बोले ,और तुम्हे आता ही क्या है !!
बेवफा कहने से पहले मेरी रग-रग का खून निचोड़ लेना !!
कतरे-कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना !!
रात भर करता रहा तेरी तारीफ़ चाँद से !!
चाँद इतना जला की सुबह तक सूरज हो गया !!
हम भी मौजूद थे ,तकदीर के दरवाजे पे !!
लोग दौलत पर गिरे ,हमने तुझे मांग लिया !!
तुम पर आया है तो खुशनसीब हो तुम !!
यूँ हर किसी पर नहीं आता है मेरा दिल !!
किस तरह ज़ज्बातों को काबू करूं !!
तुझे देखूं कि तुझे प्यार करूं !!
खूबियां क्या गिनाए हम आपकी !!
यूँ तो जानलेवा सब अदाए आपकी !!
किसी के चेहरे की ख़ुशी को अपनी ख़ुशी समझना !!
शायद इसी का नाम मोहब्बत है !!
मैं ज़िन्दगी तेरे एहसान में दबा ही रहा !!
एक उम्र गुज़री तेरा क़र्ज़ भी अदा करते करते !!
फुर्सत अगर मिले तो समझना मुझे ज़रूर !!
मैं तुम्हारी उलझनों का मुकम्मल इलाज हूँ !!
उनके नाम का गुलाल हवा में उड़ाया हमने !!
दूर से भी दोस्ती के रिश्ते को निभाया हमने !!
ऐ बारिश जरा थम के बरस !!
जब मेरा दोस्त आ जाये तो जम के बरस !!
पहले ना बरस के वो आ ना सके !!
फिर इतना बरस के वो जा ना सके !!
किसी को फूलों में ना बसाओ !!
फूलों में सिर्फ सपने बस्ते है !!
अगर बसाना है तो दिल में बसाओ !!
क्युकी दिल में सिर्फ अपने बस्ते है !!
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