Best 251+ Ghamand Shayari in Hindi |रिश्ते घमंड शायरी हिंदी में

Shayari on Ghamand

खुदा जब हुस्न देता है तो !!
नज़ाकत आ ही जाती है !!

वो छोटी-छोटी उड़ानों पे गुरूर नहीं करता हैं !!
जो परिंदा अपने लिए आसमान ढूढ़ता हैं !!

घमंड और पेट जब ये दोनों बढ़तें हैं !!
तब इन्सान चाह कर भी किसी को गले नहीं लगा सकता !!

किरदार में मेरे भले अदाकारियाँ नहीं हैं !!
खुद्दारी हैं गुरूर हैं पर मक्कारियाँ नहीं हैं !!

वक्त और किस्मत पर कभी घमंड ना करो !!
सुबह उनकी भी होती है जिन्हे कोई याद नही करता !!

ना जाने कितने रिश्ते खत्म कर दिए इस भरम ने !!
कि मैं सही हूँ सिर्फ मैं ही सही हूँ !!

लोगो को मतलबी रिश्ते बनाने में बहुत मज़ा आता है !!
मतलब निकलने के बाद आनाजाना ही बंद कर देते हैं !!

सुना है काफी पढ़ लिख गए हो !!
तुम कभी वो बी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते !!

घमंड से हर कोई दूर होता है !!
एक ना एक दिन तो घमंड चूर होता है !!

घमंड के उजालों में कुछ इस कदर गुमनाम हुए !!
मानो खुद के बनाए हुए बाज़ारों में नीलाम हुए !!

पत्थर की तरह ना बनाओ खुद को !!
किसी भी दीवार में चुने जा सकते हो !!

बहुत हुआ अब मस्ती से जी लेने दो !!
अब बर्दाश् नहीं होता इसलिए दूरियां बनाने दो !!

चेहरे पर हंसी छा जाती हैं !!
आँखों में सुरूर आ जाता हैं !!
जब तुम मुझे अपना कहते हो !!
मुझे खुद पर गुरूर आ जाता हैं !!

ना इतराओ इतना बुलंदियों को छूकर !!
वक्त के सिकन्दर पहले भी कई हुए हैं !!
जहाँ होते थे कभी शहंशाह के महल !!
देखे हैं वहीं अब उनके मकबरे बने हुए हैं !!

रूबरू होने की तो छोड़िये !!
लोग गुफ़्तगू से भी कतराने लगे हैं !!
गुरूर ओढ़े हैं रिश्ते !!
अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं !!

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