हवाओ से खोफ नही अब उन चिरागों को !!
जिनको चिरागों की हवाओ से बचाया जाए !!
घर से मस्जिद है काफी दूर है यूं कर लें !!
किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए !!
मुंह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन !!
आवाजों के बाजारों में खामोशी पहचाने कौन !!
मुमकिन है सफर हो आसान अब साथ भी चल कर देखो !!
कुछ तुम भी बदल कर देखो कुछ हम भी बदल कर देखें !!
किसी को टूटकर भी चाहा किसी से खिंच के रहे !!
दुखों को भी झेलीं खुशी के दर्द सहे है !!
जब किसी से कोई गिला रखना !!
सामने अपने आईना रखना !!
उसके दुश्मन बहुत आदमी है अच्छा होगा !!
वो भी मेरी ही तरह शहर में भी तन्हा ही होगा !!
बड़े बड़े ग़म खड़े हुए थे हमारा रास्ता रोके राहों में !!
छोटी छोटी ख़ुशियों से ही हम ने दिल को शाद किया है !!
अपने लहजे की हिफ़ाज़त कीजिए !!
शेर हो जाते हैं ना-मालूम भी !!