Muslim Couple Shayari In Hindi- मुस्लिम कपल का प्यार भी जैसा कि हर धर्म के कपल का प्यार होता है, वैसा ही होता है। प्यार कोई जाति, धर्म, या समुदाय के आधार पर नहीं बताया जा सकता, बल्कि यह एक व्यक्तिगत अनुभव होता है।
मुस्लिम समुदाय में भी प्यार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और यह उनके जीवन में आनंद और सहयोग का स्रोत बनता है। मुस्लिम कपल अपने आप को अपने धार्मिक मूल्यों और नियमों के साथ संबंधित रूप में देखते हैं, जिससे उनके प्यार का आधार मजबूत और स्थिर बनता है।
मुस्लिम कपल के प्यार का आदान-प्रदान, समझदारी, और सहमति पर आधारित होता है। वे एक-दूसरे के विचारों और भावनाओं का सम्मान करते हैं और एक-दूसरे के सपनों और लक्ष्यों का समर्थन करते हैं। धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के बावजूद, उनके प्यार में सच्ची भावनाएं होती हैं जो उन्हें एक-दूसरे के साथ जीने की साहस देती हैं।
अंत में, प्यार किसी भी धर्म, समुदाय या जाति की सीमाओं से पार होता है और यह एक अनूठा और सुंदर अहसास होता है जो हमें एक-दूसरे की गहराईयों को समझने और समर्थन करने का मौका देता है।
Table of Contents
हम ख़ुदा के कभी क़ाइल ही न थे !!
उन को देखा तो ख़ुदा याद आया !!
रहने दे अपनी बंदगी ज़ाहिद !!
बे-मोहब्बत ख़ुदा नहीं मिलता !!
जब सफ़ीना मौज से टकरा गया !!
नाख़ुदा को भी ख़ुदा याद आ गया !!
जब खुदा तेरे सब्र का सिला देगा !!
तब तुमने क्या खोया वो तुम्हे याद नही रहेगा !!
ए खुदा अगर यही होता रहा तो किधर जाएंगे !!
ये तेरे बंदे तेरे ही दोनो के हाथ मर मारे जाएंगे !!
मोहब्बत का मतलब हमने इतना ही जाना है !!
एक को चाहा है और उसी को खुदा माना है !!
अल्लाह हर दुआ आपकी पूरी करेगा !!
बस झुक कर एक बार माँग कर तो देखो !!
पूजा था जिसको वो खुदा ना बन सका !!
इबादत करते करते हम फ़कीर बन गए !!
इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे !!
तुम्हारे सिवा कुछ भी दिखता ही नहीं !!
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है !!
रहे सामने और दिखाई न दे !!
तमाम पैकर-ए-बदसूरती है मर्द की ज़ात !!
मुझे यक़ीं है ख़ुदा मर्द हो नहीं सकता !!
Muslim Couple Shayari In Hindi
पहले गुस्सा हो जाना फिर प्यार से मानना !!
तेरी ये अदा भी कमाल की है !!
कमबख्त मोहब्बत जो तुमसे हम करते हैं !!
लोग ना जाने क्यों हमें देख कर जलते हैं !!
होती हैं कुछ बातें जो ज़ुबान से कही नहीं जाती !!
तुम मेरी आँखों में देख मेरे प्यार को जान लो !!
मुझसे नज़र मिला कर तेरा नज़र चुराना !!
ये कैसा है मेरे दिल मे तेरा आना जाना !!
सच्ची मोहब्बत की निशानी ये होती है !!
कि उसके बाद फिर किसी से मोहब्बत नहीं होती है !!
हो जाओ तुम मेरी मेरा थाम लो हाथ !!
रिश्ता हो ज़िंदगी भर का ना छूटे यह साथ !!
तुम बैठी हो मेरे साथ और कहो क़बूल है !!
यह दिन ना जाने अब और कितनी दूर है !!
धागा ही समझ तू अपनी मन्नत का मुझे !!
तेरी दुआओ के मुकम्मल होने का दस्तूर हूँ मैं !!
अगर तेरी ख़ुशी है तेरे बंदों की मसर्रत में !!
तो ऐ मेरे ख़ुदा तेरी ख़ुशी से कुछ नहीं होता !!
आप ही मेरे जीने की सलीका हो !!
आप ही मेरे काजल आप ही मेरे नूर हो !!
कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं !!
जिन का कोई नहीं उन का ख़ुदा होता है !!
मिट जाए गुनाहों का तसव्वुर ही जहाँ से !!
अगर हो जाये यकीन के खुदा देख रहा है !!
किसी को ये खौफ के खुदा न देख ले !!
किसी की ये आरज़ू के खुदा देखता रहे !!
सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं !!
जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं !!
अगर दे अल्लाह तो कोई छीन नहीं सकता !!
अगर वो छीन ले तो कोई दे नहीं सकता !!
तुझ को चुन लिया है जिंदगी भर के लिए मैंने !!
मैं बे-ईमान नहीं कि रोज़ रो ईमान बदलूँ !!
वफ़ा भी तुमसे और खफ़ा भी तुमसे !!
और देख लेना एक दिन निकाह भी तुमसे !!
कौन कहता है दुआ से कुछ नहीं मिलता !!
मांगने का तरीका हो तो क्या नहीं मिलता !!
हर ज़र्रा चमकता है अनवर-ए-इलाही से !!
हर सांस ये कहती है हम हैं तो खुदा भी है !!
मेरे रब के सिवा मुझे !!
किसी से कोई अरमान नहीं !!
Muslim Couple Shayari
मेरे रब के सिवा मुझे !!
किसी से कोई अरमान नहीं !!
पहले गुस्सा हो जाना फिर प्यार से !!
मानना तेरी ये अदा भी कमल की है !!
बहुत खूबसूरत हैं ये आँखें तुम्हारी !!
इन्हें बना दो किस्मत हमारी !!
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ !!
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी !!
प्यार हुआ है जो आपसे !!
ना जाने किस हद्द तक जाएगा !!
जब तक हैं साँसे जिस्म में !!
दिल तुझे ही पाना चाहेगा !!
कमबख्त मोहब्बत जो तुमसे हम करते हैं !!
लोग ना जाने क्यों हमें देख कर जलते हैं !!
जिंदगी आसान नहीं होती !!
इसे आसान बनाना पड़ता है !!
बर्दाश्त करके सबर करके और !!
बहुत कुछ नजर अंदाज कर के !!
तू करता वही है जो तू चाहता है !!
पर होता वही है जो अल्लाह चाहता है !!
तू वही कर जो अल्लाह चाहता है !!
फिर वो होगा जो तू चाहता है !!
इस दुनिया में कभी बिना !!
चाबी के कोई ताला नहीं बनता !!
इसलिए अल्लाह हमें बिना !!
समाधान के कोई समस्या नहीं देता !!
इंसान की इज्जत करो !!
और उससे मुहब्बत करो !!
हर इंसान के अंदर खुदा पाक की !!
कोई ना कोई सिफत मौजूद होती है !!
न आना मौत की अभी मेरा किरदार बाकि हे !!
लाया था जो अपने रब से वो उधार बाकि हे !!
दीद तो हो गई बहोत खुशियो की ग़ालिब !!
लेकिन अभी आक़ा के रोज़े का दीदार बाकि हे !!
कभी आंसू, कभी सजदे !!
कभी हाथों का उठ जाना !!
मोहब्बत ना-काम हो जाए !!
तो रब बहुत याद आता हैं !!
निकाह के पाक रिश्ते से जुड़ना हैं !!
अब तो हर पल साथ रहना हैं !!
सलामत रहे हमारा रिश्ता यूँ ही !!
अब यही दुआ करना हैं !!
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मुस्लिम शायरी इन हिंदी
या अल्लाह मुझपे !!
इतना करम फ़रमा की !!
मै तेरा ही ज़िक्र करूँ !!
तेरा शुक्र करूँ और !!
बस तेरी ही इबादत करूँ !!
अल्लाह कहता है !!
किसी को तकलीफ देकर मुझसे !!
अपनी खुशी की दुआ मत करना !!
लेकिन किसी को एक पल की ख़ुशी देते हो तो !!
अपनी तकलीफ की फ़िक्र मत करना !!
या रब सुना है की जुम्मे का दिन !!
ईद की तरह होता है !!
हर एक की दुआ कबूल होती है !!
आज तुझसे मैं मांग रहा हूँ !!
और वो भी बाकि सब को जुम्मा मुबारक !!
जब कभी आप बगैर किसी !!
वजह के ख़ुशी महसूस करो !!
तो समझ जाओ की दुनिया में !!
कोई तो ऐसा जरुर है !!
जो आपके खुश रहने की दुआ करता है !!
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर !!
थक गया हूँ ऐ खुदा !!
किस्मत मे कोई ऐसा लिख दे !!
जो मौत तक वफा करे !!
अपना तो आशिकी का !!
किस्सा-ए-मुख़्तसर है !!
हम जा मिले खुदा से !!
दिलबर बदल- बदल कर !!
मैने कब कहाँ !!
ऐ उपरवाले मुझे कभी रोने मत देना !!
बस तेरे अलावा कहीं और झुकना पड़े !!
ऐसा कभी होने मत देना !!
हमेशा उम्मीद अल्लाह पे रखो !!
क्योंकि इस पूरी कायनात मैं !!
जितनी जल्दी अल्लाह राजी होता है !!
इतनी जल्दी कोई राजी नहीं होता !!
फकीर मिजाज़ हूं मैं अपना अंदाज !!
औरो से जुदा रखता हूं !!
लोग जाते है मंदिर मस्ज़िद में !!
अपने दिल में खुदा रखता हूं !!
लाख ढूंढें गौहर-ए-मक़सूद !!
मिल सकता नहीं !!
हुक्म खुदा का न हो तो पत्ता !!
भी हिल सकता नहीं !!
अल्लाह अगर तौफ़ीक़ न दे इंसान !!
के बस का काम नहीं !!
फ़ैज़ान-ए-मोहब्बत आम सही !!
इरफ़ान-ए-मोहब्बत आम नहीं !!
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121 करोड़ की आबादी में !!
एक शख्स अच्छा लगा !!
अगर वो भी न मिले तो !!
ऐ खुदा शिकवा तो बनता है !!
जब हम अल्लाह के साथ !!
अपने रिश्ते की मरम्मत करते हैं !!
तो वह हमारे लिए बाकी सब !!
चीजों की मरम्मत करता है !!
लोग मुझे तोड़ते गए !!
और मैं अपने अल्लाह से जुड़ता गया !!
इज्जत दौलत और तारीफ मांगी नहीं जाती !!
कमाई जाती है !!
वो पहले सा कहीं मुझको !!
कोई मंज़र नहीं लगता !!
यहाँ लोगों को देखो अब ख़ुदा !!
का डर नहीं लगता !!
नहीं बदल सके हम खुद को !!
औरों के हिसाब से !!
एक लिबास मुझे भी दिया है !!
खुदा ने अपने हिसाब से !!
मुझे खुदा के इन्साफ पर !!
उस दिन यकीन हो गया !!
जब मैंने अमीर और गरीब !!
का एक जैसा कफ़न देखा !!
कर लेता हूँ बर्दाश्त तेरा !!
हर दर्द इसी आस के साथ !!
की खुदा नूर भी बरसाता है !!
आज़माइशों के बाद !!
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खुदा का शुक्रगुजार हैं !!
जो हम को मिला दिया !!
खुदा की मर्ज़ी से हमने !!
इतना अच्छा हमसफ़र पा लिया !!
मैं माँगता रहा दुआ में !!
और तुम मिल गए ना जाने कब !!
हर दुआ करता है क़बूल जो !!
देता है वो खुदा मुझे सब !!
जो भी सीखा है !!
सब भुलाना है !!
खोज तो खुद की है !!
खुदा तो बहाना है !!
बड़ी कशमकश है ए खुदा !!
थोड़ी रहमत कर दे !!
या तो ख्वाब ना दिखा !!
या मुकम्मल कर दे !!
हैरान हूँ तेरा इबादत में !!
झुका सर देखकर !!
ऐसा भी क्या हुआ जो !!
खुदा याद आ गया !!
सलीक़ा ही नहीं शायद उसे !!
महसूस करने का !!
जो कहता है ख़ुदा है तो !!
नज़र आना ज़रूरी है !!
तेरा नाम दिल पर लिखूँ !!
तुझे मैं अपना बना लूँ !!
तुम कहो क़बूल है रिश्ता !!
सर झुका कर माँगा अल्लाह से तुम्हें !!
और हमने तुमको पा लिया !!
अल्लाह ने पूरी कर दी हमारी दुआ !!
हमने तुझे अपनी बीवी बना लिया !!
लबो पर शिकायत !!
लिए खामोश बैठे हुए हैं !!
लगता है आज हमारे जनाब !!
हमसे नाराज हुए बैठे हैं !!
तेरे रुखसार पर ढले है !!
मेरी शाम के किस्से !!
खामोशी से माँगी हुई !!
मोहब्बत की दुआ हो तुम !!
थाम कर हाथ मेरा छोड़ ना जाना !!
रचा निकाह मुँह मोड़ ना जाना !!
तुम अपनाना ज़िंदगी भर के लिए !!
यह रिश्ता कहीं तुम तोड़ ना जाना !!
प्यार हुआ है जो आपसे !!
ना जाने किस हद्द तक जाएगा !!
जब तक हैं साँसे जिस्म में !!
दिल तुझे ही पाना चाहेगा !!
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बहुत खूबसूरत हैं ये आँखें तुम्हारी !!
इन्हें बना दो किस्मत हमारी !!
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ !!
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी !!
मुल्क लुट जाएगा ये आसार नज़र आते हैं !!
अब हुकूमत में सब मक्कार नज़र आते हैं !!
मुल्क की आज़ादी में लुटा दीं जानें हमने !!
और बेहयाओं को हम ही ग़द्दार नज़र आते हैं !!
तेरी किस्मत मेरी किस्मत जैसी है !!
और तू मेरी परछाई है !!
ना जाने इस सच्चाई ने भी !!
कितनी तकलीफ दिलाई है !!
ढूंढता हूं हर लम्हे में मैं उसको !!
एक ही लम्हा मुझसे वो जुदा ना हुआ !!
क्या मिला सजदे में सर झुका के !!
यदि दिल में खुदा ना हुआ !!
अल्लाह से पूछा गया इंसान कब बुरा बनता है !!
अल्लाह ने फरमाया !!
जब वो अपने आप को दूसरों से अच्छा समझने लगे !!
जब तुम्हारा दिल बेचैन हो जाए करे !!
तो उस बेचैनी की ज़िक्र अपने रब से करो !!
लोगो से नहीं !!
ऐ तन्हाई तू अब निकाह कर ले मुझसे !!
जब उम्र भर साथ ही रहना है !!
तो चल जमाने कि ये रस्मे भी अदा कर लें !!
ऐ खुदा वो पल जल्द लाना !!
जिस एक पल में हम दोनों कहे !!
कुबूल हैं कुबूल हैं कुबूल हैं !!
इकरार भी करेंगे इजहार भी करेंगे !!
हम तुझसे मोहब्बत करते हैं !!
हम तुमसे निकाह भी करेंगे !!
दुआ मांगते रहो क्योंकि मुमकिन !!
और नामुमकिन तो हमारी सोच है !!
रब के लिए तो सब मुमकिन है !!
कुरान की खूबी यह है कि !!
आप उसका संदेश नहीं बदल सकते !!
लेकिन उसका संदेश आपको बदल सकता है !!
परेशानियाँ तो आती जाती रही है !!
और आती जाती रहेगी !!
बस तुम अल्लाह से कभी उम्मीद मत हारना !!
क्या खूब इबाबत बक्शी तूने एक रोज़े में !!
शुक्र भी सब्र भी फ़िक्र भी !!
नेमत भी और रहमत भी !!
बातें करते करते तुमसे मैं खोने लगता हूँ !!
तेरी आवाज़ में एक नशा है !!
जो मुझे तेरा बनाता है !!
मत रख इतनी नफ़रतें अपने दिल में ए इंसान !!
जिस दिल में नफरत होती है !!
उस दिल में रब नहीं बसता !!
ना जाने कैसे परखता है !!
मुझे मेरा खुदा इम्तिहान भी सख्त लेता है !!
ओर मुझे हारने भी नहीं देता !!
मोहब्बत कि इससे !!
बड़ी मिसाल क्या होगी !!
कि मेरा खुदा मेरे लिए दुआ मांगता है !!
धीरे धीरे अपना बना रहा है कोई !!
प्यार के सुहाने सपने दिखा रहा है कोई !!
ए खुदा ये सच्ची मुहब्बत है य़ा चुना लगा रहा है कोई !!
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बहुत तंग हूं ज़िंदगी से !!
ए खुदा या उससे मिला दे !!
या अपने पास बुलाले !!
खुदा ने पूछा क्या सजा दू तेरे प्यार को !!
दिल से आवाज आई मुझसे !!
मोहब्बत हो जाए मेरे यार को !!
सब्र एक ऐसी सवारी है !!
जो अपने सवार को गिरने नहीं देती !!
ना किसी के क़दमों में और ना किसी की नज़रों में !!
अपनी परेशानियों से कभी दुखी मत होना !!
क्योंकि सुना है परेशानियां खुदा उन्हीं को देता है !!
जिनसे वह मोहब्बत करता है !!
क़दर करनी है तो ज़िंदा में करो !!
चेहरे से कफन उठते वक्त तो !!
नफ़रत करने वाले भी रो पड़ते हैं !!
मेरी इबादतो को ऐसे कबूल कर !!
ये मेरे खुदा की सजदो में मैं झुकूं !!
और मुझसे जुड़े हर रिश्ते की जिंदगी संवर जाए !!
मैं चाहता था निकाह में कुबूल करना !!
उसने मुझे निगाहों में भी कुबूल ना किया !!
जो बुरा कहे चुप हो जाओ जो सताए सबर करो !!
अल्लाह की कसम ऐसी ताकत बनोगे पहाड़ भी रास्ता देगा !!
जरा ये धूप ढल जाए तो हाल पूछेंगे !!
यह कुछ साए अपने आपको खुदा बताते हैं !!
आता है दाग़-ए-हसरत-ए-दिल का शुमार याद !!
मुझ से मेरे गुनह का हिसाब ऐ ख़ुदा न माँग !!
अल्लाह मुझे तेरा साथ जिंदगी भर नहीं चाहिए !!
बल्कि जब तक तू साथ है तब तक जिंदगी चाहिए !!
दुआ में उसकी की खुशियां मांगता हूं !!
उन्हें खुश देखकर मैं खुश होना जानता हूं !!
खुश रहे हम दोनों सलामत रखे खुदा !!
जो बना है हमारा मियां बीवी का रिश्ता !!
यह टूटे ना कभी और ना हों हम कभी जुदा !!
निकाह कर तुम्हें ले आया हूँ !!
तेरे साथ ज़िंदगी बितानी है !!
तुम्हें हमेशा के लिए अपना बनाया हूँ !!
रिश्ता हमारा मोहब्बत का कितना प्यारा है !!
मेरा दिल तेरे सिवा किसी का नो हो पा रहा है !!
तुझसे मिलने की जिद्द यह कबसे किये जा रहा है !!
सजदे की खूबसूरती यह है कि !!
हम फर्श पर सिर रख कर जो कहते है !!
वो अर्श पर सुनी जाती है !!
मुझे सुकून की तलाश थी !!
जवाब मिला अल्लाह के हो जाओ !!
खूबसूरत ज़िन्दगी का राज़ !!
दुआ की जाए दुआ दी जाए और दुआ ली जाए !!
वो तो अपने निकाह की तारीख बताने आये थे !!
हमें लगा हमें मोहब्बत की तालीम देने आये हैं !!
बारहा तेरा इंतिज़ार किया !!
अपने ख़्वाबों में इक दुल्हन की तरह !!
क्या करे अंदाज़-ए-बयाँ आपकी निगाहों का !!
देखते ही निकाह करने को दिल करता हैं !!
वो ज़ालिम बात करने तक करने को राजी नहीं !!
और हम निकाह की हसरत लगाएं बैठे हैं !!
इस बात को छोड़ कर क्या हो रहा हैं !!
की उनका भी अब निकाह हो रहा हैं !!
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एक ही ख्वाहिश हैं इस दिल की !!
खुद को तुम्हारे नाम लिख दूँ उम्र भर के लिए !!
मेरे रब के सिवा मुझे !!
किसी से कोई अरमान नहीं !!
अल्लाह का शुक्रिया अदा करना कभी न भूलें !!
क्योंकि वह आज सुबह आपको जगाना नहीं भूले !!
वो गुनाहगार की दुआ भी सुना करता है !!
ए इंसान हाथ मायूस नहीं होंगे उठा के तो देख !!
या अल्लाह कुछ दे या ना दे !!
बस माँ-बाप का साया ना उठाना सर से आमीन !!
जो खोया वह मेरी नादानी थी !!
जो पाया वह मेरे रब की मेहरबानी !!b
मेरी लाख बुराइयों को जानते हुए भी !!
मुझसे बेइन्तहा मोहब्बत करने वाला सिर्फ मेरा रब है !!
जिस शख़्स के दिल में जितनी ज़्यादा हिर्स होती है !!
उसे अल्लाह पर उतना ही कम यक़ीन होता है !!
सब लोग अपने अपने ख़ुदाओं को लाए थे !!
इक हम ही ऐसे थे कि हमारा ख़ुदा न था !!
खुदा को भूल गए लोग फ़िक्र-ए-रोज़ी में !!
तलाश रिज्क की है राजिक का ख्याल ही नहीं !!
गुनाह गिन के मैं क्यूँ अपने दिल को छोटा करूँ !!
सुना है तेरे करम का कोई हिसाब नहीं !!
प्यार का तो पता नहीं पर खुदा !!
एक दोस्त ऐसा दे जो मोहब्बत को भी मात दे दे !!
लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली !!
जाने कितनी ऊंचाई पर खुदा रहता है !!
आशिक़ी से मिलेगा ऐ ज़ाहिद !!
बंदगी से ख़ुदा नहीं मिलता !!
किताब सी शख्सियत दे ए मेरे खुदा !!
सब कुछ कह दू खामोश रहकर !!
इस भरोसे पे कर रहा हूँ गुनाह !!
बख़्श देना तो तेरी फ़ितरत है !!
सुनकर ज़माने की बातें तू अपनी अदा मत बदल !!
यकीं रख अपने खुदा पर यूँ बार बार खुदा मत बदल !!
वफ़ा जिस से की बेवफ़ा हो गया !!
जिसे बुत बनाया ख़ुदा हो गया !!
ख़ुदा से माँग जो कुछ माँगना है ऐ अकबर !!
यही वो दर है कि ज़िल्लत नहीं सवाल के बाद !!
मुझ को ख़्वाहिश ही ढूँडने की न थी !!
मुझ में खोया रहा ख़ुदा मेरा !!
बाद मरने के मिली जन्नत ख़ुदा का शुक्र है !!
मुझको दफ़नाया रफ़ीक़ों ने गली में यार की !!
बस जान गया मैं तेरी पहचान यही है !!
तू दिल में तो आता है समझ में नहीं आता !!