मुस्लिम कपल शायरी फोटो
लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली !!
जाने कितनी ऊंचाई पर खुदा रहता है !!
प्यार का तो पता नहीं पर खुदा !!
एक दोस्त ऐसा दे जो मोहब्बत को भी मात दे दे !!
गुनाह गिन के मैं क्यूँ अपने दिल को छोटा करूँ !!
सुना है तेरे करम का कोई हिसाब नहीं !!
खुदा को भूल गए लोग फ़िक्र-ए-रोज़ी में !!
तलाश रिज्क की है राजिक का ख्याल ही नहीं !!
सब लोग अपने अपने ख़ुदाओं को लाए थे !!
इक हम ही ऐसे थे कि हमारा ख़ुदा न था !!
जिस शख़्स के दिल में जितनी ज़्यादा हिर्स होती है !!
उसे अल्लाह पर उतना ही कम यक़ीन होता है !!
मेरी लाख बुराइयों को जानते हुए भी !!
मुझसे बेइन्तहा मोहब्बत करने वाला सिर्फ मेरा रब है !!
जो खोया वह मेरी नादानी थी !!
जो पाया वह मेरे रब की मेहरबानी !!
या अल्लाह कुछ दे या ना दे !!
बस माँ-बाप का साया ना उठाना सर से आमीन !!
वो गुनाहगार की दुआ भी सुना करता है !!
ए इंसान हाथ मायूस नहीं होंगे उठा के तो देख !!
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