मोटिवेशनल शायरी फॉर स्टूडेंट्स
बूंद बूंद बेकरारी हमारी !!
कतरा कतरा मोहब्बत तुम्हारी !!
शायद उम्मीदें ही होती है गम की वजह !!
वरना ख्वाहिशें रखना कोई गुनाह तो नहीं !!
कुछ नज़र आता नहीं उस के तसव्वुर के सिवा !!
हसरत-ए-दीदार ने आँखों को अंधा कर दिया !!
वो हाल भी ना पूछ सके हमे बे-हाल” देख कर !!
हम हाल भी ना बता सके उसे “खुश-हाल” देख कर !!
जिन्दगी में ‘कुछ’ चीजे भुलाई नही जा सकती !!
मेरी जिन्दगी में सब ‘कुछ’ सिर्फ तुम ही हो !!
तुम मिले तो लगा गले मुझे ऐसे !!
पिछले जन्म की बिछड़ी मेरी रूह मिली हो मुझे जैसे !!
थाम लूँ तेरा हाथ और तुझे इस दुनिया से दूर ले जाऊं !!
जहाँ तुझे देखने वाला मेरे सिवा कोई और ना हो !!
तुम तरस जाओगे मेरे दीदार को भी !!
कुछ इस तरह हम तुम्हे बेगाना कर देंगे !!
तू मुझे सिर्फ छोड़ सकती है !!
लेकिन कभी भूल नहीं सकती !!
जो महसूस करते हैं बयाँ कर देते हैं !!
हमसे लफ़्ज़ों की दगाबाज़ी नहीं होती !!
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं !!
हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं !!
दूर बैठे रहोगे पास न आओगे कभी !!
ऐसे रूठोगे तो जान ले जाओगे कभी !!
बदल दिया है मुझे मेरे ही चाहने वालों ने !!
वरना मुझमें इतनी खामोशी कहाँ थी !!
हक़ से दो तो तेरी नफरत भी कुबूल है हमें !!
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न ले !!
कैसे बदल दूं मैं फितरत ये अपनी !!
मुझे तुम्हें सोचते रहने की आदत सी हो गई है !!
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