मित्र सिर्फ साथी नहीं !!
सारथी भी होना चाहिए !!
अँधेरा इतना बाहर नहीं है !!
जितना इंसान के मन के अंदर फैला हुआ है !!
सफलता में इतना मत डूब जाना !!
कि सफलता से कष्ट मिलने लगे !!
जिस प्रभु ने ज़िंदगी दी है !!
उस प्रभु को याद करना ही इंसान को बोझ लगता है !!
जो मन उल्टा है !!
वो सीढ़ी राह कैसे चलेगा !!
चलने में माहिर बनिए !!
वक़्त फिर ज़्यादा अडंगिया नहीं लगाएगा !!
ज़िंदगी को बेहतर बनाना है !!
तो इसी पल से भगवान का नाम लेते जाना है !!
गमो के चक्कर में फसे रहोगे !!
फिर खुशियों से कैसे मिल सकोगे !!
ज़िंदगी खत्म हो जाती है !!
मगर ज़िंदगी से लोगो के गिले शिकवे खत्म नहीं होते !!
जिनके उम्मीदे पास रहती है !!
उनके पास उदासिया फटकती तक नहीं !!
ज़िंदगी को शौक से जीना होता है !!
लोग है कि शोक में डूबे जा रहे है !!
अगर सूरज जैसा चमकना है !!
तो उसके जैसे पहले तपना है !!
कोशिशों से जो वास्ता रख लेता है !!
मंज़िलो का वो रास्ता देख लेता है !!
जिनके मन में शोर है !!
उनके जीवन में शांति कहा से आएगी !!
हसना जितना ज़माने में मुफ्त है !!
ना जाने उतना मुश्किल क्यू है !!
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