Mehndi best shayari
खुदा-ऐ-रेहमत तू मेरा हो जाये !!
वरना अंजाम मेरा बहुत बुरा होगा !!
रचाये जो अगर तूने मेहंदी से हाथ अपने !!
वो मेहंदी नहीं मेरे दिल का खून होगा !!
वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई !!
अब मैं हुँ किसी और की ये मुझे बता कर रोई !!
कैसे कर लुँ उसकी मोहब्बत पे शक यारो !!
वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई !!
उजली-उजली धूप की रंगत !!
भी फ़ीकी पड़ जाती है !!
आसमान के हाथों जब शाम !!
की मेहंदी रच जाती है !!
ज़ुल्फ बिखेरे उसकी मोहब्बत !!
मुझे नुमाइश सी लगती है !!
उसके हाथों पे लगी मेहंदी मुझे !!
पराई सी लगती है !!
कैसे भूल जाऊँ मैं उसको !!
जो चाहता है इस कदर !!
हथेली की मेहंदी में लिखा है उसने !!
मेरा नाम छिपाकर !!
वो मेहंदी के हाथों में क्या !!
तराशेंगे नाम हमारा !!
जब नाम ही छुपा लिखा है !!
उनके हाथों में !!
मेहेंदी का है ये कहना !!
अपने पिया के संग रहना !!
मेहंदी के रंग का है ये कहना !!
रंग छूटे पर पिया का संग ना छूटे !!
तेरे हाथों की मेहँदी में मेरे !!
प्यार का भी रंग है !!
तू किसी और का हो जा पर !!
तेरा प्यार मेरे संग है !!
भीतर ही भीतर चिल्लाई होगी !!
हाथों में जब मेहन्दी सजाई होगी !!
मैंने उजाड़ दी जिन्दगी उसकी !!
ये बात उसने खुद को समझाई होगी !!
उन आँखों की दो बूंदों से !!
सातों सागर हारे हैं !!
जब मेहँदी वाले हाथों ने !!
मंगल-सूत्र उतारे हैं !!
खुदा ही जाने क्यूँ हाथो पे !!
तुम मेहँदी लगाती हो !!
बड़ी ही नासमझ हो फूलों पर !!
पत्तों के रंग चढ़ाती हो !!
तेरे माथे की बिंदिया चमकती रहे !!
तेरे हाथों की मेहँदी महकती रहे !!
तेरे जोड़े की रौनक सलामत रहे !!
तेरी चूड़ी हमेशा खनकती रहे !!
मेहंदी के धोके मत रह !!
ज़ालिम निगाह कर तू !!
ख़ूँ मेरा दस्त-ओ-पा !!
से तेरे लिपट रहा है !!
लब-ए-नाज़ुक के बोसे लूँ !!
तो मिस्सी मुँह बनाती है !!
कफ़-ए-पा को अगर चूमूँ !!
तो मेहंदी रंग लाती है !!
शादी में लगी मेहँदी का रंग !!
कभी नहीं छूटता है !!
ऐसे मौके पर ना जाने कितने !!
आशिकों का दिल टूटता है !!
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