Shayari on maut ki dua
शुक्र है कि मौत सबको आती है !!
वरना अमीर तो इस बात का भी मजाक उड़ाते !!
कि गरीब था इसलिए मर गया !!
मौत का इंतिज़ार बाक़ी है !!
आप का इंतिज़ार था न रहा !!
फ़ानी बदायुनी !!
मरते हैं आरज़ू में मरने की !!
मौत आती है पर नहीं आती !!
मिर्ज़ा ग़ालिब !!
कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं !!
ज़िंदगी तू ने तो धोके पे दिया है धोका !!
फ़िराक़ गोरखपुरी !!
माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में !!
आज हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले !!
कैफ़ भोपाली !!
दुनिया मेरी बला जाने महँगी है या सस्ती है !!
मौत मिले तो मुफ़्त न लूँ हस्ती की क्या हस्ती है !!
फ़ानी बदायुनी !!
आई होगी किसी को हिज्र में मौत !!
मुझ को तो नींद भी नहीं आती !!
अकबर इलाहाबादी !!
बूढ़ों के साथ लोग कहाँ तक वफ़ा करें !!
बूढ़ों को भी जो मौत न आए तो क्या करें !!
अकबर इलाहाबादी !!
बला की चमक उस के चेहरे पे थी !!
मुझे क्या ख़बर थी कि मर जाएगा !!
अहमद मुश्ताक़ !!
करूँ क्यों फ़िक्र मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी !!
जहाँ होगी दोस्तों की महफिलें !!
मेरी रूह वहाँ मिलेगी
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी जिंदगी !!
हादसा यह भी कम नही की !!
हमें मौत न मिली !!
बहर-ए-ग़म से पार होने के लिए !!
मौत को साहिल बनाया जाएगा !!
जलील मानिकपूरी !!
मौत से किस को रुस्तगारी है !!
आज वो कल हमारी बारी है !!
मिर्ज़ा शौक़ लखनवी !!
मौत ख़ामोशी है चुप रहने से चुप लग जाएगी !!
ज़िंदगी आवाज़ है बातें करो बातें करो !!
अहमद मुश्ताक़ !!
कैसे आ सकती है ऐसी दिल-नशीं दुनिया को मौत !!
कौन कहता है कि ये सब कुछ फ़ना हो जाएगा !!
अहमद मुश्ताक़ !!
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