Maut shayari 2 lines
वो जो मेरी जिंदगी थी ना ,किसी ओर की हो गई !!
अब मेरी मौत मेरी हो जाए ,तो कमाल हो जाए !!
इश्क कहता है मुझे इक बार कर के देख !!
तुझे मौत से न मिलवा दिया तो मेरा नाम बदल देना !!
मुझे रुला कर सोना तो तुम्हारी आदत बन गयी है !!
अगर मेरी आँख ही न खुली तो तड़पोगे बहुत तुम !!
मार डालेगी मुझे ये खुशबयानी आपकी !!
मौत भी आएगी मुझको तो जबानी आपकी !!
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी !!
हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली !!
जिन्दगी कशमकश-ए-इश्क के आगाज का नाम !!
मौत अंजाम इसी दर्द के अफसाने का !!
तमाम उम्र जो हमसे बेरुखी की सबने !!
कफ़न में हम भी अजीज़ों से मुँह छुपा के चले !!
ऐ हिज्र वक़्त टल नहीं सकता है मौत का !!
लेकिन ये देखना है कि मिट्टी कहाँ की है !!
आखिरी दीदार कर लो खोल कर मेरा कफ़न !!
अब ना शरमाओ कि चश्म-ए-मुन्तजिर बेनूर है !!
तमाम गिले-शिकवे भुला कर सोया करो यारो !!
सुना है मौत किसी को कोई मोहलत नहीं देती !!
जला है जिस्म तो दिल भी जल गया होगा !!
कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है !!
कितनी अज़ीयत है इस एहसास में !!
कि मुझे तुझसे मिले बिना ही मर जाना है !!
जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले !!
इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो !!
दो गज़ ज़मीन सही मेरी मिल्कियत तो है !!
ऐ मौत तूने मुझको ज़मींदार कर दिया !!
अब मौत से कह दो कि नाराजगी खत्म कर ले !!
वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे !!
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