दर्द भरी मौत शायरी इन हिंदी
क्या कहूँ तुझे ख्वाब कहूँ तो टूट जायेगा !!
दिल कहूँ तो बिखर जायेगा !!
आ तेरा नाम जिन्दगी रख दूँ !!
मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा !!
“आसमान के परे मुकाम मिल जाए !!
खुदा को मेरा ये पैगाम मिल जाए !!
थक गयी है धड़कनें अब तो चलते चलते !!
ठहरे ये सांसे तो शायद आराम मिल जाए !!
एक दिन हम भी कफन ओढ़ जायेंगे !!
सब रिश्ते इस जमीन से तोड़ जायेंगे !!
जितना जी चाहे सता लो मुझे !!
एक दिन रोते हुए सबको छोड़ जायेंगे !!
चूम कर कफन में लपटे मेरे चेहरे को !!
उसने तड़प के कहा !!
नए कपड़े क्या पहन लिए !!
तो हमें देखते भी नहीं !!
हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान न लो !!
करके बेरुखी मेरी तुम जान न लो !!
एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे !!
हमारी मौत का खुद पे इल्ज़ाम न लो !!
आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई !!
आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई !!
आ रही है जिस्म की दीवार गिरने की सदा !!
एक अजब ख्वाहिश थी जो अबके बरस पूरी हुई !!
उन दो पंक्तियों में !!
मैंने अपनी पूरी कहानी लिख दी !!
मौत बड़ी पास से गुजरी !!
जिन्द़गी ने होंठों पर झूठी मुस्कुराहट रख दी !!
चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो !!
झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो !!
ज़िन्दगी तो वीरान थी मौत भी गुमनाम ना हो !!
मुझे गले लगा लो फिर चाहे मौत हजार दे दो !!
प्यार में सब कुछ भुलाए बैठे हैं !!
चिराग यादों के जलाये बैठे है !!
हम तो मरेंगे उनकी ही बाहों में !!
ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं !!
मोहब्बत मुझे थी बस तुम्हीं से सनम !!
यादों में तुम्हारी यह दिल तड़पता रहा !!
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी !!
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा !!
ये जमीं जब खून से तर हो गई है !!
ज़िन्दगी कहते हैं बेहतर हो गई है !!
हाथ पर मत खींच बेमतलब लकीरें !!
मौत हर पल अब मुक़द्दर हो गई है !!
जो आपने न लिया हो,ऐसा कोई इम्तिहान न रहा !!
इंसान आखिर मोहब्बत में इंसान न रहा !!
है कोई बस्ती,जहां से न उठा हो ज़नाज़ा दीवाने का !!
आशिक की कुर्बत से महरूम कोई कब्रिस्तान न रहा !!
लम्हा लम्हा सांसें खत्म हो रही हैं !!
ज़िन्दगी मौत के पहलू में सो रही है !!
उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह !!
वह तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है !!
आंखें खुली हो तो चेहरा तुम्हारा हो !!
आँखें बंद हो तो सपना तुम्हारा हो !!
मुझे मौत का डर नहीं होगा !!
अगर कफ़न की जगह दुपट्टा तुम्हारा हो !!
अब तक हम मुन्तजिर हैं जिनके ऐ खुदा !!
उनको हमारा ख्याल तक न आया !!
उनके इश्क में हमारी जान तक चली गयी !!
और उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया !!
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