मौत से केह दो के हमसे नाराज़गी खतम कर ले अब !!
वो भी बहुत बदल गए हैं जिनके लिए जिया करते थे हम !!
जहर पीने से कहाँ मौत आती है !!
मर्जी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए !!
मौत से क्या डर मिनटों का खेल है !!
आफत तो ज़िन्दगी है जो बरसो चला करती है !!
सुना है मौत एक पल की भी मोहलत नहीं देती !!
मैं अचानक मर जाऊ तो मुझे माफ़ कर देना !!
तू बदनाम न हो जाए इस लिए जी रहा हूँ मैं !!
वरना मरने का इरादा तो रोज ही होता है !!
मौत तेरा डर नहीं मुझको !!
क्योंकि मारा है जीते जी अपनो ने मुझको !!
पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था तुमने मोहब्बत में !!
ना जिंदगी अच्छी लगती है और ना ही मौत आती है !!
बहाने मौत के तो तमाम नज़र आते हैं !!
जीने की वजह तेरे सिवा कुछ नही भी !!
ज़िंदगी इक सवाल है जिस का जवाब मौत है !!
मौत भी इक सवाल है जिस का जवाब कुछ नहीं !!
सुलगती जिन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर है !!
अब हमसे दिल के अरमानों का मातम नही होता !!
जिन्दगी जख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो !!
हारना तो है एक दिन मौत से फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो !!
ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूं !!
मौत भी हो जाती है और कातिल भी पकड़ा नही जाता !!
कमाल है न जाने ये कैसा उनका प्यार का वादा है
चंद लम्हे की जिंदगी और नखरे मौत से भी ज्यादा है !!
तलब मौत की करना गुनाह है ज़माने में यारों !!
मरने का शौक है तो मुहब्बत क्यों नहीं करते !!
वफ़ा सीखनी है तो मौत से सीखो !!
जो एक बार अपना बना ले !!
फिर किसी का होने नहीं देती !!
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