Matlabi Rishte Shayari In Hindi-“मतलबी रिश्ते” वे रिश्ते होते हैं जिनमें लोग अपने हित की प्राथमिकता करते हैं और उन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं। ये रिश्ते असली और सांविद्यिक नहीं होते, बल्कि वे अक्सर दिखावटी और नकली होते हैं। इस प्रकार के रिश्तों में विश्वासघात, झगड़े, और स्थिरता की कमी होती है,जो केवल दिखावे के लिए होते हैं और असली भावनाओं की कमी होती है। ये रिश्ते आमतौर पर समझौते और आपसी फायदों के लिए बनाए जाते हैं और इनमें विश्वासघात, जालसाजी, और उदासीनता का महसूस हो सकता है। इन रिश्तों में असली समर्पण और साझा भावनाओं की कमी होती है, जिससे वे दिन पर दिन कमजोर होते जाते हैं,”मतलबी रिश्ते” कई तरीकों से नुकसानकारी हो सकते हैं, क्योंकि ये व्यक्तियों के बीच में दिल के सच्चे भावनाओं को कम कर सकते हैं और दोस्ती और परिप्रेक्ष्य में दरार पैदा कर सकते हैं। इसलिए, सच्चे और स्थिर रिश्तों को बनाए रखना हमेशा अच्छा होता है !!
Table of Contents
घमंड नहीं मुझे खुद पर !!
बस कुछ रिश्तो ने खामोश रहना सिखा दिया !!
बाप का अभी पैसा है तो घमंड है इसलिये !!
खुद का पैसा कमा घमंड भी कुछ सीखा देगा !!
मुझे घमंड था अपने चाहने वालो का इस दुनिया में !!
वक्त क्या पलट गया सब की असलियत सामने आ गई !!
मुझे लगा तू मेरे प्यार से अनजानी है !!
पर मैं नहीं जानता था कि घमंड तेरी निशानी है !!
मैं अख़बार नहीं जो दुसरे दिन पुराना हो जाऊं !!
मैं जिन्दगी का वो पन्ना हूँ जहां लम्हे ठहर जाते है !!
सिर्फ इज्जत करने का नही !!
उतारने का भी हुनर है !!
ये जो मेरे हालात हैं एक दिन सुधर जायेंगे !!
मगर तब तक कई लोग मेरे दिल से उतर जायेंगे !!
किसी पर शक करके बर्बाद होने से अच्छा है !!
किसी पर यकीन करके बर्बाद जो जाओ !!
मौका मुझे भी मिलेगा मेरे भाई !!
और याद रखना घायल तू भी होगा !!
बाप का अभी पैसा है तो घमंड है इसलिये !!
खुद का पैसा कमा घमण्ड भी कुछ सीखा देगा !!
गाली तो हम देते नही !!
अगर दी है तो You Deserve it !!
कोई भी हमें पहचान नहीं पाया !!
कुछ अंधे थे कुछ अँधेरे में थे !!
इज्जत कम हो जाये चाहे या शान कम हो जाये !!
मगर इंसान का घमंड कम नही होना चाहये !!
आग लगा देंगे उस महफ़िल में !!
जहाँ बगावत हमारे खिलाफ होगी !!
वक्त और किस्मत पर कभी घमंड ना करो !!
सुबह उनकी भी होती है जिन्हे कोई याद नही करता !!
घमंड का पारा जब सर चढ़ जाता है !!
इंसान अपनी हद से आगे बढ़ जाता है !!
सब जानते है उसका घमंड एक दिन मिट जाएगा !!
फिर भी लोग कहते है जो होगा देखा जाएगा !!
फर्क जीने वालों को पड़ता है !!
मैंने तो सिर्फ सांस लेने की आदत डाल रखी है !!
Matlabi Rishte Shayari In Hindi
चीजें अक्सर छोटी लगती हैं !!
जब कोई दूर से या गुरूर से देखता हैं !!
घमंड तो बस यह मन करता है !!
वरना शरीर तो दो गज जमीन में भी लेट जाता है !!
मुझे घमंड था अपने चाहने वालो का इस दुनिया में !!
वक्त क्या पलट गया सब की असलियत सामने आ गई !!
घमंड विमान की तरह आसमान में उड़ता है जरुर !!
पर वक्त आने पर टूटते तारे की तरह गिरता है जरूर !!
आईना उतना ही देखो जितनी देर में संवर सको !!
पल पल में आईना देखना आरज़ू-ए-घमंड है !!
यदि सहने की हिम्मत रखता हूं !!
तो तबाह करने का हौसला भी रखता हूं !!
तेरी अकड़ दो दिन की कहानी हैं !!
मेरा गुरूर तो खानदानी हैं !!
दोस्ती ओर दुश्मनी दोनों ही मज़ेदार है !!
बस निभाने का दम.होना चाहिए !!
कभी कभी खाक़ जम़ीन पर बैठ जाता हूँ मैं !!
क्यूँकि प्यार है मुझे मेरी Aukat से !!
मैंने इस छोटी सी उम्र में !!
सारे के सारे बड़े शोंक पाल रखे हैं !!
लाखों ठोकरों के बाद भी संभलता रहूँगा मैं !!
गिरकर फिर उठूँगा और चलता रहूँगा मैं !!
समय और किस्मत दोनों परिवर्तनशील है !!
इस पर कभी घमण्ड ना करो !!
घमंड जब घुसा इंसान के शरीर में !!
इंसान झुकने की कोशिश भी खड़े-खड़े करने लगा !!
घमंड में हस्तियाँ और तूफान में कश्तियाँ !!
अक्सर डूब जाया करती हैं जनाब !!
ज़रूरत तोड़ देती हैं इंसान के घमंड को !!
अगर न होती मजबूरी तो हर बंदा खुदा होता !!
घमंड न कर बंदे अपने वक़्त का !!
क्योंकि बदलता है ये हर शख्स का !!
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Matlabi Rishte Shayari
टूट ही जाता है यक़ीन प्यार में साथी पर !!
कितना करोगी घमंड अपनी खूबसूरती पर !!
बारिश को होता है यकीन पानी की बूंद पर !!
भरोसा रखना मगर घमंड ना करना खुद पर !!
मत कर इतना घमंड बहुत पछताएगा !!
एक दिन खुद ही अपनी नजरो में गिर जाएगा !!
कुछ लोग अपने घमंड की वजह से !!
ना जाने कितने रिश्तों को खो देते हैं !!
कमजोर पड़ जाएँ एक ईटतो टूट जाता है दीवार !!
रोजगार पाने के चककरछूट जाता है परिवार !!
उस ग़रीब को अपने परिवार के लिए लड़ते देखा है मैंने !!
जीवन में पहली बार डर को भी डरते हुए देखा है मैंने !!
बहुत प्यार हैं मुझेअपनी माँ के हाथो से !!
न जाने कितने बारमुझे गिरते गिरते बचाया होगा !!
अपनी गृहस्थी को कुछ इस तरह बचा लिया करो !!
कभी आँखें दिखा दी कभी सर झुका लिया करो !!
सोचना हैं तो सिर्फ परिवार के लिए !!
और कमाना हैं तो सिर्फ परिवार के लिए !!
इंसान आजकल इसलिए भी परेशान है !!
क्योंकि जो गर्मी रिश्तों में होनी चाहिए वो हमारे दिमाग़ में है !!
जिनमें कुछ नहीं होता है ना !!
उनमें घमंड बहुत होता है !!
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मतलबी लोग स्टेटस
अगर रिश्तों को निभाना है तो झुकना सीखो !!
क्योंकि इंसान अकड़ता तो मरने के बाद है !!
मत कर इतना घमंड बहुत पछताएगा !!
एक दिन खुद ही अपनी नजरो में गिर जाएगा !!
वो छोटी-छोटी उड़ानों पे गुरूर नहीं करता हैं !!
जो परिंदा अपने लिए आसमान ढूढ़ता हैं !!
घमंड किस बात का है जनाब !!
आज मिट्टी के ऊपर हैं तो कल मिट्टी के नीचे होंगे !!
घमंड से आदमी फूल सकता है !!
फल नहीं सकता !!
गुरूर के भी अजब हैं किस्से !!
आज मिट्टी के ऊपर कल मिट्टी के नीचे !!
यूं मुझे एसे और सबर ना करवा !!
तेरी राह देखते कोई मेरी कबर ही ना तैयार करवा दें !!
ज़रूरत तोड़ देती हैं इंसान के घमंड को !!
अगर न होती मजबूरी तो हर बंदा खुदा होता !!
सुन्दर दिल वाले से प्यार करना चाहिए !!
अक्सर खूबसूरत चेहरे के पीछे घमंड छिपा होता है !!
मेहनत करने वाले !!
व्यक्ति को घमंड नहीं होता है !!
बोल दिया होता तुम्हे दर्द देना है ऐ ज़िंदगी !!
मोहब्बत को बीच में लाने की क्या जरुरत थी !!
मुझे घमण्ड था अपने चाहने वालो का इस दुनिया में !!
वक्त क्या पलट गया सब की असलियत सामने आ गई !!
तोड़ना हीं है अगर तो घमण्ड तोड़ना !!
रिश्तें तो ग़लतफहमी में भी टूट जाते हैं !!
आसमा इतनी बुलंदी पे जो इतराता है !!
भूल जाता है कि ज़मीन से नज़र आता है !!
वो छोटी-छोटी उड़ानों पे गुरूर नहीं करता हैं !!
जो परिंदा अपने लिए आसमान ढूढ़ता हैं !!
यूँ बदस्तूर जीना जारी तो रहा !!
लेकिन तू नहीं फिज़ा नहीं बयां नहीं निशां नहीं !!
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Matlabi log quotes
घमण्ड किसी का नही रहा टूटने से पहले !!
गुल्लक को भी लगता था सारे पैसे उसी के है !!
घमंङ में हस्तियाँ और तूफान में कश्तियाँ !!
अक्सर डूब जाया करती हैं जनाब !!
केवल अहंकार ही ऐसी दौड़ है !!
जहाँ जीतने वाला हार जाता है !!
घमंड तो उस इंसा को भी नहीं होता !!
जब कोई अवॉर्ड जीतता है तो वो भी झुक्कर लेता है !!
मैं एक हाथ से सारी दुनिया के साथ लड़ सकता हूँ !!
बस मेरा दुसरा हाथ तेरे हाथ में होना चाहिए !!
मुझसे किसी का दिल नहीं तोड़ा जाता !!
पर हाँ घमंड तोड़ने का हुनर है मुझमें !!
चाय के शौकीन हो तो क्या !!
यूं बात-बात पे उबालना अच्छा तो नहीं !!
भटके हुए फिरते हैं कई लफ्ज़ जो दिल में !!
दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी दिन !!
खुद को बुरा कहने की हिम्मत नहीं !!
इसलिए वो कहते है ज़माना ख़राब हैं !!
घमंड नहीं मुझे खुद पर !!
बस कुछ रिश्तो ने खामोश रहना सिखा दिया !!
अपने किरदार का किरायदार कभी गुरूर को मत बनाना !!
नहीं तो तुम उसके नहीं वो तुम्हारा मालिक बन जाएगा !!
ज़रूरत तोड़ देती हैं इंसान के घमंड को !!
अगर न होती मजबूरी तो हर बंदा खुदा होता !!
मुझे तलाश है जो मेरी रुह से प्यार करे !!
वरना इन्सान तो पैसों से भी मिल जाया करते हैं !!
मैंने उनका गुरूर कुछ ऐसे तोड़ दिया !!
आँखों को चूमा उनकी और होठों को छोड़ दिया !!
लगता है तुमने खुद को मेरी नजरो से देख लिया !!
तभी तो इतना घमण्ड लिए घूम रहे हो !!
उनके जेहन में घमंड का आना लाज़मी था !!
हमनें प्यार ही इस कदर किया था !!
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Sad matlabi log
मुझे घमंड था की मेरे चाहने वाले बहुत है इस दुनिया में !!
बाद में पता चला की सब चाहते है अपनी ज़रूरत के लिए !!
खुद के अंदर भी सबसे अलग एट्टीट्यूड रखना चाहिए !!
क्योंकि लोग ego में ज्यादा रहते हैं !!
लो सनम मैं आ गया तेरे शहर में !!
दुनिया दुश्मन बना ली मैंने तेरे प्यार में !!
जिसके पास कुछ नहीं होता हैं !!
उसको घमंड ज्यादा होता हैं !!
सब जानते है उसका घमंड एक दिन मिट जाएगा !!
फिर भी लोग कहते है जो होगा देखा जाएगा !!
यदि सफल होना चाहते हो तो !!
पहले घमण्ड का नाश कर डालो !!
कहीं का ग़ुस्सा कहीं की घुटन उतारते हैं !!
ग़ुरूर ये कि हम काग़ज़ पे फ़न उतारते हैं !!
कहीं का ग़ुस्सा कहीं की घुटन उतारते हैं !!
ग़ुरूर ये कि हम काग़ज़ पे फ़न उतारते हैं !!
न तेरी शान कम होती न रूतबा घटा होता !!
जो गुस्से में कहा वही हंस के कहा होता !!
बहुत घमंड भी था मुझे तुम्हारा होने का !!
पर घमंड था ना एक दिन टूटना ही था !!
घमण्ड एक ऐसी दीमक है !!
जो आपके सभी रिश्तों को खा जाएगी !!
गुरुर में आ के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है !!
माफ़ी माँग के वही रिश्ता निभाया जाए !!
मैं अन्धेरा हूं तो अफसोस क्यूं करूं !!
मुझे गुरूर है रोशनी का वजूद मुझसे है !!
तेरी अकड़ दो दिन की कहानी हैं !!
मेरा गुरूर तो खानदानी हैं !!
हम खुदा से उस शक्स को पाने की दुआ कर बैठे है !!
जिसे खुद के होने पे हीइतना घमंड है !!
खुदा जब हुस्न देता है तो !!
नज़ाकत आ ही जाती है !!
वो छोटी-छोटी उड़ानों पे गुरूर नहीं करता हैं !!
जो परिंदा अपने लिए आसमान ढूढ़ता हैं !!
Matlabi duniya status
घमंड और पेट जब ये दोनों बढ़तें हैं !!
तब इन्सान चाह कर भी किसी को गले नहीं लगा सकता !!
किरदार में मेरे भले अदाकारियाँ नहीं हैं !!
खुद्दारी हैं गुरूर हैं पर मक्कारियाँ नहीं हैं !!
वक्त और किस्मत पर कभी घमंड ना करो !!
सुबह उनकी भी होती है जिन्हे कोई याद नही करता !!
ना जाने कितने रिश्ते खत्म कर दिए इस भरम ने !!
कि मैं सही हूँ सिर्फ मैं ही सही हूँ !!
लोगो को मतलबी रिश्ते बनाने में बहुत मज़ा आता है !!
मतलब निकलने के बाद आनाजाना ही बंद कर देते हैं !!
घमंड से हर कोई दूर होता है !!
एक ना एक दिन तो घमंड चूर होता है !!
घमंड के उजालों में कुछ इस कदर गुमनाम हुए !!
मानो खुद के बनाए हुए बाज़ारों में नीलाम हुए !!
पत्थर की तरह ना बनाओ खुद को !!
किसी भी दीवार में चुने जा सकते हो !!
बहुत हुआ अब मस्ती से जी लेने दो !!
अब बर्दाश् नहीं होता इसलिए दूरियां बनाने दो !!
सुना है काफी पढ़ लिख गए हो !!
तुम कभी वो बी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते !!
हम आज भी शतरंज का खेल !!
दोस्तों के साथ नही खेलते हैं !!
क्योकि दोस्तों के खिलाफ चाल चलना !!
हमें अच्छा नहीं लगता हैं !!
किस बात का इतना घमंड किस बात का !!
इतना गुरूर ,वक़्त के हाथों बने सब शेर !!
वक़्त ही करे सब चकनाचूर !!
घमण्ड और पेट ये दोनो एक हद तक ही बढ़नी चाहिए !!
यदि दोनो बढ़ जाए तो इंसान चाह !!
कर भी अपनो को गले से नही लगा सकता !!
Matlabi duniya quotes
कभी किसी चीज का घमण्ड आ जाए तो !!
शमशान का एक चक्कर लगा आना !!
तुम से बेहतरीन लोग वहां राख बने पड़े है !!
मै जानता था !!
तुझे दौलत का घमंड जरूर होगा !!
पर ध्यान रखना एक दिन तुझे !!
वक़्त के कदमो मे आना ही पड़ेगा !!
कितनी अकड़ है आप मे !!
हमें मार सके इतना दम नही है !!
किसी के बाप में !!
लोहे को कोई खराब नही कर सकता !!
पर उसका खुद का जंग उसे खराब कर देता है !!
वैसे ही इंसान को उसका घमण्ड बर्बाद कर देता है !!
ना इतराओ इतना बुलन्दियो को छूकर !!
वक्त के सिकन्दर पहले भी कई हुए है !!
जहां होते थे कभी शहंशाह के महल !!
देखे है वही अब उनके मकबरे बने हुए है !!
चेहरे पर हंसी छा जाती हैं !!
आँखों में सुरूर आ जाता हैं !!
जब तुम मुझे अपना कहते हो !!
मुझे खुद पर गुरूर आ जाता हैं !!
ना इज्जत कम होती ना शान कम होती !!
जो बात तुमने घमण्ड में कही है !!
वो बात हस के बोली होती तो तुम्हारी खूब तारीफ होती !!
ना इतराओ इतना बुलंदियों को छूकर !!
वक्त के सिकन्दर पहले भी कई हुए हैं !!
जहाँ होते थे कभी शहंशाह के महल !!
देखे हैं वहीं अब उनके मकबरे बने हुए हैं !!
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है !!
तीर की तरह मगर ख़ामोश हूँ !!
अपनी तक़दीर की तरह !!
अगर घमण्ड की कीमत मालूम करनी है तो !!
इसे OLX पर डाल दो देखते है !!
कितने खरीददार मिलते है !!
रूबरू होने की तो छोड़िये !!
लोग गुफ़्तगू से भी कतराने लगे हैं !!
गुरूर ओढ़े हैं रिश्ते !!
अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं !!
Matlabi log shayari
अपने अंदर अहंकार !!
जैसी चीज का प्रवेश भी ना होने दें !!
क्योंकि वक्त के साथ साथ !!
झील का पानी भी कम हो जाता है !!
किस बात का बन्दे तुझे गुरूर है !!
कि पैसा और शोहरत चारो ओर है !!
एक दिन ये सब कुछ छूट जाएगा !!
तब तू किस बात का घमंड दिखाएगा !!
मेरा घर अक मंदिर है !!
और मेरे माँ बाप इस मंदिर के !!
भगवान तथा मै इस मंदिर का पुजारी हूँ !!
हर मर्ज का इलाज नही दवाखाने में !!
कुछ दर्द चले जाते है !!
परिवार के साथ मुस्कुराने में !!
सिर्फ सुख मे तो पराए भी साथ देते है !!
लेकिन दुख मे जो काम आते है !!
वही परिवार कहलाता हैं !!
अजनबी दुनिया की उलझी हुई से राहों में !!
जाने कैसे फंस गई रिश्तों की गुफाओं में !!
मेरी साँसों पर भी मेरे अपने हक़ जताते हैं !!
बहुत घुटन हैं मेरे आशियाने की हवाओं में !!
यहाँ जरूरतों के हिसाब से सब बदलते नकाब हैं !!
अपने गुनाहों पर सौ परदे डालकर हर शख्स कहता हैं !!
कि जमाना बड़ा खराब हैं !!
रोड एक्सीडेंट भी दुःख भरी कहानी कहता है !!
कई बार,एक्सीडेंट में टूटता है एक का पैर !!
पर अपंग हो जाता है पूरा परिवार !!
माँ मेरी ममता की मूरत !!
पिता जी ज्ञान के सागर !!
बहने घर का सम्मान !!
मेरा भाई मेरी शान इसके बिना !!
मै कुछ नही मेरा परिवार मेरी जान !!
एक पेड़ ही तो है !!
जो सभी प्राणियो को छाँव देता है !!
और एक परिवार ही तो है !!
जो घर के लोगो को आधार देता है !!
न जाने कौन सी ख़ुशी मिलती हैं लोगो को !!
पागलो की तरह धन कमाने में बल्कि !!
दुनिया की सबसे कीमती धन तो परिवार है !!
जितना साथ बिता सको बिता लो !!
जब जब परिवार से दूर हुआ !!
तब तब बहुत दुखी हुआ !!
न जाने कैसा चैन मिलता हैं !!
परिवार के साथ जो कभी !!
महसूस नहीं किया किसी और के साथ !!
न मेरा एक होगा न तेरा लाख होगा !!
न तारीफ़ तेरी न मेरा मजाक होगा !!
गुरूर न कर शाह-ए-शरीर का !!
मेरा भी खाक होगा तेरा भी ख़ाक होगा !!
हम को खरीदने की कोशिश मत करना !!
हम उन पुरखो के वारिस है !!
जिन्हो ने मुजरे में हवेलिया दान कर दी थी !!
अगर हमसे मिलना हो तो !!
ज़्यादा गहरे पानी मे आना !!
बेशकीमती ख़ज़ाने कभी !!
किनारे पर नहीं मिला करते !!
वक्त तो सबका बदलता रहता है !!
इस पर घमंड क्या करना !!
कुर्सी तो वही रहेगी !!
बस आने जाने वाले लगे रहेंगे !!
सुना है दौलत वालों की उनके घमंड से !!
महफिलें सुनी सुनी रह जाती है !!
एक बार घमंड दूर करके तो देखो जनाब !!
फिर देखना वही सुनी सुनी महफिलें कैसे भर जाती है !!
जब घमंड इंसान के सिर पे चढ़ जाता है !!
तब इंसान कुछ देख नहीं पाता है !!
और जब घमंड चूर-चूर होता है !!
तो हर रिश्ता उस इंसान से दूर होता है !!
जब इंसान घमंड के सिर पे चढ जाता है तब !!
इंसान कुछ देख नहीं पाता है !!
और जब घमंड चूर-चूर होता है तो !!
हर रिश्ता उस इंसान से दूर हो जाता है !!
अमीरी के गुरूर में इंसान !!
कहां अपने दिल की सुनता है !!
चाहता किसी और को है लेकिन !!
जीवन साथी किसी और को चुनता है !!
Matlabi log
बहुत खूब उसने मुझे वफा का सिला दिया !!
अमीर हमसफर मिलते ही मुझे भुला दिया !!
घमंड किस बात का रब हैं दोनो का एक !!
तुझे खुशीया दी मुझे सहने का हौसला दिया !!
कमाओ कमाते रहो और !!
तब तक कमाते रहो !!
जब तक हर महंगी चीज़ !!
सस्ती ना लगने लगे !!
अगर आप उस इंसान !!
की तलाश कर रहे हैं !!
जो आपकी ज़िन्दगी बदल देगा !!
तो अभी आप आईने में देख लें !!
शीशा और घमंड जब भी !!
टूट कर चूर होते है !!
ना तो चुभते बहुत है !!
मत कर हुस्न पर इतना घमंड !!
एक दिन यह भी दफन हो जायगा !!
कोई अपने साथ कुछ नहीं लेके जायगा !!
सब धरा का धरा रह जायगा !!
बहुत मुश्किल होता है !!
घमंड से घमंड को मिटाना !!
ख़ुद को अक्सर मिटाना पड़ता है !!
ख़ुद को पाने के लिए !!
किसी भी बात का घमंड करोगे !!
तो बाद में बेहद पछताओगे !!
क्यूंकि घमंड सब कुछ चूर है करता !!
जिसका है घमंड उसको आपसे दूर करता।
मुझे घमंड था की !!
मेरे चाहने वाले बहुत है इस दुनिया में !!
बाद में पता चला की सब चाहते है !!
अपनी ज़रूरत के लिए !!
जब घमंड तेरा हद पार कर जाए तो !!
तब शमसान का एक चक्कर लगा आना !!
तुजसे बेहतरीन लोग वहां राख बने पड़े है !!
परख ना सकोगे ऐसी शख्सियत है मेरी !!
मैं अच्छा सिर्फ उन्हीं के लिए हूँ !!
जो जाने कदर मेरी !!