Moj masti shayari
जो लम्हा साथ हैं !!
उसे जी भर के जी लेना !!
कम्बख्त ये जिंदगी !!
भरोसे के काबिल नहीं होती !!
कुछ अलग ही करना है !!
तो वफ़ा करो दोस्त !!
वरना मज़बूरी का नाम लेकर !!
बेवफाई तो सभी करते है !!
कदर करलो उनकी जो तुमसे !!
बिना मतलब की चाहत करते हैं !!
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और !!
तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है !!
हम ने तो उसकी हर ख्वाहिश !!
पूरी करने का वादा किया था !!
पर हमें क्या पता था की हमें छोडना भी !!
उसकी एक ख्वाहिश होगी !!
मौत और मोहब्बत तो !!
बस नाम से बदनाम है !!
असली दर्द तो ‘Slow Internet’ देता है !!
वो कहती है अपने भाइयों से !!
मेरा आशिक है इसे यूँ न पीटो !!
बड़ा ज़िद्दी है ये कमीना !!
पहले इसे कुत्ते की तरह घसीटो !!
जब आपको अपने से ज्यादा किसी और की !!
फ़िक्र होने लगे तो समझ लो तुम्हारे !!
ज़लील होने के दिन शुरू होने वाले हैं !!
कभी मस्ती कभी झगड़ा !!
कभी आंसू कभी हंसी !!
छोटा सा पल छोटी छोटी ख़ुशी !!
एक प्यार की कश्ती और ढेर सारी मस्ती !!
बस इसी का नाम तो है “दोस्ती !!
तेरे होने पर खुद को तनहा समझू !!
मैं बेवफा हूँ या तुझको बेवफा समझू !!
ज़ख्म भी देते हो मलहम भी लगाते हो !!
ये तेरी आदत हैं या इसे तेरी अदा समझू !!
खेला करते थे कूदा करते थे !!
मौज-मस्ती में जीया करते थे !!
वो मासूम बचपन ही था जहां !!
सभी से दोस्ती कर लिया करते थे !!
बदलना नहीं आता हमें मौसम की तरह !!
हर एक रूप मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ !!
ना तुम समझ सको कयामत तक !!
कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते है !!
मोटू – डॉक्टर साहब मेरी आँखें कमजोर» हो गई है !!
डॉक्टर – तुम्हें क्या नहीं दिख रहा है !!
मोटू – शादी के सपने !!
डॉक्टर – चल भाग साले मोटू !!
अपने दर्द को छुपाना सीख लिया !!
हर बात पर मुस्कुराना सीख लिया !!
बस ये दो लाइन बोल कर सूंदर लड़कियों को !!
पटना सीख लिया !!
समुंदर-ना हो तो कश्ती किस काम कीं !!
मजाक- ना हो तो मस्ती किस काम की !!
दोस्तों के लिए तो कुर्बान है ये ज़िंदगी !!
अगर दोस्त ही ना हो तो फिर ये जिंदगी किस काम कीं !!
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