Best masti shayari in hindi
गड्ढे सड़कों पर हो या गालों पर !!
जान जाने का खतरा दोनों में हैं !!
मेरे बिना क्या अपनी ज़िंदगी गुज़ार लोगे तुम !!
इश्क़ हूँ,कोई बुखार नहीं जो दवा से उतार लोगे तुम !!
पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर नहीं मिले !!
दस्तार कहाँ मिलेंगे जहाँ सर नहीं मिले !!
आवारगी को डूबते सूरज से रब्त है !!
मग़्रिब के बाद हम भी तो घर पर नहीं मिले !!
कल आईनों का जश्न हुआ था तमाम रात !!
अन्धे तमाशबीनों को पत्थर नहीं मिले !!
मैं चाहता था ख़ुद से मुलाक़ात हो मगर !!
आईने मेरे क़द के बराबर नहीं मिले !!
परदेस जा रहे हो तो सब देखते चलो !!
मुमकिन है वापस आओ तो ये घर नहीं मिले !!
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं !!
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं !!
मैं न जुगनू हूँ,दिया हूँ न कोई तारा हूँ !!
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं !!
याद आता है आज भी वो दौर बचपन का !!
जब हम इस दुनिया में नहीं अपनी मस्ती में रहते थे !!
नींद से मेरा त’अल्लुक़ ही नहीं बरसों से !!
ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं !!
मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए !!
और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं !!
ख़ुद अपनी मस्ती है जिस ने मचाई है हलचल !!
नशा शराब में होता तो नाचती बोतल !!
आरिफ़ जलाली !!
ना मिले जाम तो कोई ख़ासा गम नहीं है !!
पर जो हो सके दीदार आपके चेहरे का तो मस्ती बेशुमार हो !!
खुदा कसम आप भी किसी जाम से कम नहीं है !!
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