मस्ती शायरी हिंदी में
हस्ती की बद-मस्ती क्या, हस्ती ख़ुद इक मस्ती है !!
मौत उसी दिन आएगी,होश में जिस दिन आएँगे !!
तुम अपनी मस्ती में मस्त रहो !!
दुनिया तुम्हे मस्त देख कर परेशान रहेगी !!
तारों की और देख हम गाते तराने हैं !!
जो मस्ती में रहते हैं हम वो मस्ताने हैं !!
मौज आणि चाहिए रोज़ आनी चाहिए !!
नहीं मिले तो कहीं से खोज लानी चाहिए !!
वो कहते है कि उन पर कोई ग़ज़ल लिखूं !!
मैं एक ग़ज़ल पर कैसे दूसरी ग़ज़ल लिखूं !!
आज मैंने दिल को थोड़ा साफ़ किया !!
कुछ को भूला दिया,कुछ को माफ़ किया !!
तेरी ज़ुल्फ़ क्या संवारी मेरी किस्मत निखर गयी !!
उलझने तमाम मेरी दो लट में संवर गयी !!
मालूम नहीं किस लड़के कम भाग्य खुलेगा !!
जिससे मेरे जैसी सुशील लड़की मिलेगी !!
बस खुद्दारी ही है मेरी दौलत,जो मेरी हस्ती में रहती है !!
बाक़ी ज़िंदगी तो फ़कीरी है,जो अपनी मस्ती में रहती है !!
बाहर से तो रौनक आज भी वही है मगर !!
इस इश्क ने अन्दर से जलाया है बहुत कुछ !!
पुराने शहर के लोगों में एक रस्म ऐ मुर्रव्वत है !!
हमारे पास आ जाओ कभी धोखा नहीं होगा !!
आँख तुम्हारी मस्त भी है और मस्ती का पैमाना भी !!
एक छलकते साग़र में मय भी है मय-ख़ाना भी !!
देखा किये वह मस्त निगाहों से बार-बार !!
जब तक शराब आई कई दौर चल गये !!
बाहर से तो रौनक आज भी वही है मगर !!
इस इश्क ने अन्दर से जलाया है बहुत कुछ !!
लगा कर फूल होठों से उसने कहा चुपके से !!
अगर कोई पास न होता तो तुम फूल की जगह होते !!
इसे भी पढ़े:-