mahakal shayari new
भोलेनाथ,तुम्हारे रूप में !!
बसते हैं चारो धाम !!
तुम ही हो उज्जैन की सुबह !!
तुम ही हो काशी की शाम !!
तेरे दर पर आते आते मेरे महाकाल !!
ज़िंदगी की शाम हो गयी !!
और जिस दिन तेरा दर देखा !!
ज़िंदगी नाम हो गयी !! !!
शिव की ज्योति से नूर मिलता हैं !!
सबके दिलो को सरूर मिलता हैं !!
जो भी जाता हैं भोले के द्वार !!
कुछ न कुछ जरूर मिलता हैं !!
मन का निराध न कर !!
बस महादेव पर विश्वास कर !!
हर पल साथ हैं मेरे वो डमरू वाला !!
इस बात का अहसास कर !!
महाकाल कहते हैं !!
ऐ बन्दे तू एक कदम भी !!
मेरी तरफ बढ़ा देता !!
तो मैं मंजिलो को !!
मेरी देहलीज से मिला देता !!
छुपी हुई मुस्कान अब !!
मेरे सामने कैसे आएगी !!
सामने तो अब आएगी जब !!
मेरी रूह महाकाल से मिल जाएगी !!
महाकाल तेरे सीतल को हमने बेरुखी समझा !!
प्यार को हमने बंदगी समझा !!
तुम चाहे हमे जो भी समझो हमने तो !!
तुम्हे अपनी ज़िंदगी समझा !!
जिसे महाकाल से प्यार नहीं !!
ऐसा अपना कोई यार नहीं !!
अगर चाहते हो की भोलेनाथ मिले !!
तो बस वही करो जिससे दुआ मिले !!
मेरा एक ख्वाब पूरा हो जाये !!
ये ज़िंदगी तेरे नाम हो जाये !!
तेरी पूजा करूंगा इतनी की !!
शिवभक्त मेरा नाम हो जाये !!
आज परेशान हु तो !!
कल सुकून भी मिलेगा !!
महाकाल मेरे भी हैं !!
आखिर कब तक रुलाएगा !!
महादेव,आज पता चला ज़माना क्यों जलता हैं हमसे !!
क्युकी दोस्ती गहरी हैं आपसे !!
मैं बुद्धि और ज्ञान कि प्रतीक हूँ !!
मैं महाकाल की चैली ही ठीक हूँ !!
भोले तूने तो सारी दुनिया तारी हैं !!
कभी मेरे सर पे भी धर के हाथ !!
कह दे चल बेटा आज तेरी बारी हैं !!
जय श्री महाकाल !!
मैं चलता गया रास्ते मिलते गए !!
रास्ते के कांटे फूल बनकर खिलते गए !!
यह आशीर्वाद है भोलेनाथ का वरना !!
उसी राह पर लाखो फिसलते गए !!
बिगड़ा नसीब भी संवर जाता है !!
बंद किस्मत का ताला खुल जाता है !!
अँधेरो में भी खुला दरवाजा नजर आता है !!
जो सर महादेव के चरणों में झुक जाता है !!
शिव की बनी रहे आप पर छाया !!
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया !!
मिले आपको वो सब इस अपनी ज़िन्दगी में !!
जो कभी किसी ने भी ना पाया !!
विश्व का कण कण शिव मय हो !!
अब हर शक्ति का अवतार उठे !!
जल थल और अम्बर से फिर !!
बम बम भोले की जय जयकार उठे !!
शव हूँ मैं भी शिव बिना !!
शव में शिव का वास !!
शिव मेरे आराध्य हैं !!
मैं हूँ शिव का दास
यह कैसी घटा छाई हैं !!
हवा में नई सुर्खी आई है !!
फ़ैली है जो सुगंध हवा में !!
जरुर महादेव ने चिलम लगाई है !!
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