maa baap emotional shayari
घुटनो से रेगते-रेगते पैरो पर !!
खड़ा हो गया माँ तेरी ममता की !!
छाँव मे जाने कब बड़ा हो गया !!
इस दुनिया मे जितने रिश्ते !!
सारे झूठे बेहरूप एक माँ का !!
रिश्ता सबसे अच्छा है रब का रूप !!
जब भी कश्ती मेरी सैलाब !!
मे आ जाती है माँ दुआ करती !!
हुई ख्वाब मे आ जाती है !!
बद्दुआ संतान को एक मा !!
कभी देती नही धूप से छाले !!
मिले जो छाँव बैठी है सहेज !!
मै करता रहा सैर जन्नत !!
मे रातभर सुबह आँख खुली !!
तो देखा सर माँ के कदमो मे था !!
जरा सी बात है लेकिन हवा !!
को कौन समझाए कि मेरी माँ !!
दिए से मेरे लिए काजल बनाती है !!
हर घड़ी दौलत कमाने मे इस !!
तरह मशरूफ रहा मै पास बैठी !!
अनमोल मां को भूल गया मै !!
जब कागज पर लिखा मैने !!
माँ का नाम कलम अदब से !!
बोल उठी हो गये चारो धाम !!
सीधा साधा भोला भाला मैं ही !!
सब से सच्चा हूँ कितना भी हो जाऊं !!
बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ !!
कभी मुस्कुरा दे तो लगता है ज़िंदगी !!
मिल गयी मुझको माँ दुखी हो !!
तो दिल मेरा भी दुखी हो जाता है !!
यूँ तो मैने बुलन्दियो के हर !!
निशान को छुआ जब माँ ने गोद !!
मे उठाया तो आसमान को छुआ !!
ज़िन्दगी की हर ख़ुशी मिल जाती है जो !!
चाहो वो मंज़िल मिल जाती है यु तो मिल !!
जाता है ज़िन्दगी में सब कुछ पर माँ से !!
बड़ी प्रेमिका नहीं मिल पति इस दुनिया में !!
बिना देखे तेरी तस्बीर बना दूंगा पैसे नहीं है !!
मेरे पास लेकिन बिना चारदीवार के तेरा मंदिर !!
बना दूंगा अगर माँ तू मुझे छोड़ कर गई ना तो !!
में भगवन से मेरी मौत का वरदान मांग लूंगा !!
माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा !!
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा !!
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमो में जन्नत !!
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा !!
उसे है ईश्वर ने बनाया कुछ इस तरह कि !!
अपने दिल में किसी को भी दे दे वह जगह !!
बस थोड़ा सम्मान और आदर है मांगती !!
मेरी मां है सब कुछ जानती !!
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