जब जब कागज पर लिखा मैंने मां का नाम !!
कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम !!
मां तेरे एहसास की खुशबू हमेशा ताजा रहती है !!
तेरी रहमत की बारिश से मुरादें भीग जाती है !!
तकिए बदले हमने बेशुमार लेकिन तकिए हमें सुलाते नहीं !!
बेखबर थे हम कि तकिए में मां की गोद को तलाशते नहीं !!
दर – ब -दर तलाश कर खुद को में बापस घर को !!
आ गयी दिखी ना जब मुझे पूरी दुनिया में जन्नत तब !!
माँ से मिलकर वो भी नज़र आ गयी !!
माँ मुझ से नाराज़ न हुआ कर फिर मेरा !!
रब भी मेरी नहीं सुनता !!
i Love you maa !!
एक हस्ती है जो जान है मेरी जो जान से भी बढ़ !!
कर शान हे मेरी रब हुक्म दे तो कर दू सज्दा उसे !!
क्यूँ की वो और कोई नही माँ है मेरी !!
एक माँ अपने 10 बच्चो की देख भल कर सकती है !!
लेकिन कभी कभी 10 बच्चे एक माँ की देख भल !!
नहीं करते है !!
मां के बारे में कुछ लिखूं !!
इतनी मेरी हैसियत नही !!
मां की ममता किसी जन्नत से कम नही !!
मां से ही मेरी खुशियां !!
मां से ही मेरा संसार है !!
मां की डांट से ही मुझे प्यार है !!
मांगू रब से यही दुआ !!
कि हर जन्म बस यही मां मिले !!
तेरी गोद में ही मुझे खुशियां बेशुमार मिले !!
जिंदगी में मेरी खुशियो का आना बाकी है !!
मेरी सलामती के लिए !!
मेरी मां की दुआ काफी है !!
इस दुनिया में मां जैसा मुझे !!
कोई और ना नजर आए !!
मां की दुआओ का असर खुदा तक जाए !!
तुझ में ही पूरा जीवन समाया है तेरे !!
उपकार है हम पर कुछ इस कदर !!
की तूने माँ का दर्जा पाया है !!
माँ बाप की वफादार बेटियां अक्सर !!
माँ – बाप की ख़ुशी क लिए इश्क़ में !!
बेवफा निकलती है !!
किसी भी मुश्किल का अब किसी को !!
हल नहीं मिलता शायद अब घर से कोई !!
माँ के पैर छूकर नहीं निकलता !!
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