maa shayari
जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ !!
में खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ !!
मां वो सितारा है जिसकी गोद में जाने के लिए हर कोई तरसता है !!
जो मां को नहीं पूछते वो जिंदगी भर जन्नत को तरसता है !!
माँ की बूढी आंखों को अब कुछ दिखाई नहीं देता !!
लेकिन वर्षों बाद भी आंखों में लिखा हर एक अरमान पढ़ लिया !!
ना आसमां होता ना जमीं होती !!
अगर मां तुम ना होती !!
तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है !!
मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है !!
हर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह मशरूफ रहा मैं !!
पास बैठी अनमोल मां को भूल गया मैं !!
मुसीबतों ने मुझे काले बादल की तरह घेर लिया !!
जब कोई राह नजर नहीं आई तो मां याद आई !!
दुआ है रब से वो शाम कभी ना आए !!
जब माँ दूर मुझसे हो जाए !!
जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया !!
मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया !!
किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता !!
शायद अब घर से कोई मां के पैर छूकर नहीं निकलता !!
रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए !!
चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है !!
हम खुशियों में मां को भले ही भूल जाए !!
जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है मां !!
खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी !!
जब मैंने मुस्कराती हुई माँ देखी !!
सख्त राहों में भी आसान सफर लगता है !!
यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है !!
हालात बुरे थे मगर अमीर बना कर रखती थी !!
हम गरीब थे यह बस हमारी मां जानती थी !!
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