maa baap shayari
मां वो सितारा है जिसकी !!
गोद मे जाने के लिए हर कोई !!
तरसता है जो मां को नही पूछते !!
वो जिंदगी भर जन्नत को तरसता है !!
मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा !!
झुक कर करू तेरा सजदा !!
तुझसे भी पहले माँ मेरे लिए !!
ना कर कभी मुझे माँ से जुदा !!
सच्चे रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये !!
चोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँ !!
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें !!
जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है माँ !!
जज्बात माँ के संग माँ जिक्र तुम्हारा मेरे !!
ख्यालों में मेरी ही अधूरी परछाई बनकर !!
आता है बिना तुम्हारे मेरी शख्सियत को !!
ज़िन्दगी का नज़राना भी नहीं देख पता है !!
एक औरत अपनी ज़िन्दगी में सबसे ज्यादा !!
दर्द हमें पैदा करते वक़्त सेहती है तभी तो !!
हर बच्चे के दिल में उसकी माँ ही रहती है !!
मेरी जान मेरी माँ !!
मैने बिना मतलब निकाले रिश्ते निभाने वाला !!
इंसान देख है इस जहान में केवल माँ ही है !!
जिसकी नज़र से मैने यह आसमान देखा है !!
मेरी माँ !!
माँ बिना ज़िन्दगी वीरान होती है तनहा सफर !!
में हर राह सुनसान होती है ज़िन्दगी में माँ का !!
होना ज़रूरी है माँ की दुआओ से ही हर !!
मुश्किल आसान होती है !!
माँ तो जन्नत का फूल है प्यार करना तो उसका
उसूल है दुनिया की मुहब्बत फज़ूल है माँ की !!
हर दुआ क़ुबूल है,माँ का नाराज़ करना !! माँ !!
के कदमो की मिटटी जन्नत की धुल है !!
यु तो ज्यादा पड़ी लिखी नहीं है मेरी माँ मगर फिर !!
भी वो मेरा चेहरा पढ़ लेती है जमाना बहुत कोशिश !!
करता है मुझे गिराने की मगर गिरने से पहले ही !!
मेरी माँ मुझे पकड़ लेती है !!
इसे भी पढ़े:-