Kabhi khushi kabhie gham shayari
सज़ा ना दे मुझको बेकसूर हूँ मैं थाम ले !!
मुझको गमों से चूर हूँ मैं !!
तेरी दूरी ने कर दिया पागल सा मुझे !!
और लोग कहते हैं दीवाना हूँ मैं !!
नदियों को शान्ति सागर में आकर हुआ !!
मन को शांति मंदिर में आकर हुआ !!
ढूंढ रहा था जब खूबसूरती की चरम को !!
तो मेरी खोज का अंत तुम पर आकर हुआ !!
बेताब सा रहते हैं तेरी याद में अक्सर रात !!
भर नहीं सोते हैं तेरी याद में अक्सर !!
जिस्म में दर्द का बहाना बना के हम टूट के !!
रोते हैं तेरी याद में अक्सर !!
फिज़ा में महकती शाम हो तुम प्यार में !!
झलकता ज़ाम हो तुम !!
सीने में छुपाये फिरते है हम यादें तुम्हारी !!
इसलिये मेरी जिंदगी का दूसरा नाम हो तुम !!
राह तकते है हम उनके इंतज़ार में साँसे !!
भरते हैं उनके एक दीदार में !!
रात न कटती है न होता है सवेरा जबसे !!
दिल के हर कोने में हुआ है आपका बसेरा !!
जादू है उसकी हर एक बात मे याद बहुत आती है !!
दिन और रात मे !!
कल जब देखा था मैने सपना रात मे तब भी !!
उसका ही हाथ था मेरे हाथ मे !!
इन आंखो मे आंसू आये न होते अगर वो !!
पीछे मुडकर मुस्कुराये न होते !!
उनके जाने के बाद बस यही गम रहेगा कि !!
काश वो हमारी ज़िन्दगी मे आये न होते !!
थोड़े गुस्से वाले !!
थोड़े नादान हो तुम !!
मगर जैसे भी हो !!
मेरी जान हो तुम !!
तेरे खामोश होठों पर !!
मोहब्बत गुनगुनाती है !!
तू मेरी मैं तेरा हूँ बस !!
यही आवाज़ आती है !!
अगर हो जाओगे मेरे ज़िंदगी भर !!
तो बातें लम्बी चलेंगी !!
और नहीं मिले !!
तो यादें लम्बी चलेंगी !!
ज़िंदगी में कभी बिछड़ना भी पड़े तो !!
मेरी साँसे भी ले जाना !!
तुम्हारे बाद ये !!
मेरी किसी काम की नहीं !!
कितने और करीब तुम्हे मैं अपने लाउ !!
तुम्हे दिल में रखकर भी !!
मेरा दिल नहीं भरता !!
सिर्फ 2 वक़्त के लिए मेरे हो जाओ !!
एक अभी के लिए !!
दूसरा ज़िंदगी भर के लिये !!
हुस्न वालो को कहा ज़रूरत है सँवरने की !!
वो तो सादगी में भी !!
क़यामत की अदा रखते है !!
सिर्फ बेहद चाहने से क्या होता है !!
नसीब भी होना चाहिए !!
किसी का प्यार पाने के लिए !!
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