ख़ुशी शायरी 2 लाइन
ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी !!
तुझे ही देखने की चाहत रहती है !!
जो नशा उसकी आँखो में हैं !!
वो किसी और की बाहों में कहां !!
अगर मुझे समझना चाहते हो !!
तो बस अपना समझो !!
तु एक मौका तो दे !!
हम तेरे सपने पे भी आ जायेंगे !!
सिर्फ इंतज़ार करना छोड़ दिया हैं उसका !!
याद तो आज भी उतना ही आती हैं वो !!
राज़ करता होगा पैसा दुनिया पर !!
मगर !! प्यार तो आशिक़ ही करते हैं !!
कोशिशें मेरी रंग ला रही है !!
दिन-ब-दिन वो मेरी होती जा रही है !!
तुमसे झगडके ही मुझे पता लगता है !!
कि मुझे तुमसे कितनी मोहब्बत है !!
हम खुद को खत्म कर देंगे !!
मगर तुमसे मोहब्बत खत्म ना होगी !!
सोचकर तुझे निखरने लगी हूँ मैं !!
बिना आईने के सवरने लगी हूँ मैं !!
शौक लग गया है बस उसके नाम का !!
अब नहीं ये जहां मेरे किसी काम का !!
जब-जब मेरा दिल तुम्हारी मासूमियत देखता है !!
तब-तब वो तुम्हारा हो जाता है !!
जो उसकी आँखों से बयां होते है !!
वो लफ्ज़ किताबों में कहा होते है !!
हर पल बस फिक्र-सी होती है !!
जब मोहब्बत किसी से बेपनाह होती है !!
बस मेरे हो तुम !!
अब चाहे इसे हक़ समझो या कब्ज़ा !!
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