Best Kabir Das Ke Dohe In Hindi | For status, images, and wishes
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय !!
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय !!
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान !!
मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान !!
जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ !!
मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ !!
दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त !!
अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत !!
तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय !!
कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय !!
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय !!
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय !!
माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर !!
आशा तृष्णा न मरी, कह गए दास कबीर !!
मांगन मरण समान है, मत मांगो कोई भीख !!
मांगन से मरना भला, ये सतगुरु की सीख !!
ज्यों नैनन में पुतली, त्यों मालिक घर माँहि !!
मूरख लोग न जानिए , बाहर ढूँढत जाहिं !!
कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे हम रोये !!
ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे जग रोये !!