Best Kabir Das Ke Dohe In Hindi with images
प्रेम न बारी उपजे, प्रेम न हाट बिकाए !!
राजा प्रजा जो ही रुचे, सिस दे ही ले जाए !!
जिन घर साधू न पुजिये, घर की सेवा नाही !!
ते घर मरघट जानिए, भुत बसे तिन माही !!
साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय !!
सार-सार को गहि रहै थोथा देई उडाय !!
पाछे दिन पाछे गए हरी से किया न हेत !!
अब पछताए होत क्या, चिडिया चुग गई खेत !!
जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही !!
सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही !!
Online Earning Work from Home – US, UK, Australia, United Kingdom
जाती न पूछो साधू की, पूछ लीजिये ज्ञान !!
मोल करो तलवार का, पड़ा रहने दो म्यान !!
जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होए !!
यह आपा तो डाल दे, दया करे सब कोए !!
ते दिन गए अकारथ ही, संगत भई न संग !!
प्रेम बिना पशु जीवन, भक्ति बिना भगवंत !!
तीरथ गए से एक फल, संत मिले फल चार !!
सतगुरु मिले अनेक फल, कहे कबीर विचार !!
तन को जोगी सब करे, मन को विरला कोय !!
सहजे सब विधि पाइए, जो मन जोगी होए !!