Famous Kabir Ke Dohe
निंदक नियरे राखिए ऑंगन कुटी छवाय !!
बिन पानी साबुन बिना निर्मल करे सुभाय!!
संत ना छाडै संतईbकोटिक मिले असंत !!
चन्दन विष व्यापत नहीं लिपटत रहत भुजंग !!
साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय !!
सार सार को गहि रहै थोथा देई उड़ाय !!
तन को जोगी सब करे मन को विरला कोय !!
सहजे सब विधि पाइए जो मन जोगी होए !!
नहाये धोये क्या हुआ जो मन मैल न जाए !!
मीन सदा जल में रहे धोये बास न जाए !!
ते दिन गए अकारथ ही संगत भई न संग !!
प्रेम बिना पशु जीवन भक्ति बिना भगवंत !!
कबीरा सोई पीर है जो जाने पर पीर !!
जो पर पीर न जानही सो का पीर में पीर !!
माटी कहे कुमार स तू क्या रोंदे मोहे !!
एक दिन ऐसा आएगा मैं रोंदुंगी तोहे !!
कबीरा जब हम पैदा हुए जग हँसे हम रोये!!
ऐसी करनी कर चलो हम हँसे जग रोये !!
काल करे सो आज कर आज करे सो अब!!
पल में प्रलय होएगी बहुरि करेगो कब!!
रात गंवाई सोय के दिवस गंवाया खाय !!
हीरा जन्म अमोल सा कोड़ी बदले जाय !!
कबीर सुता क्या करे जागी न जपे मुरारी !!
एक दिन तू भी सोवेगा लम्बे पाँव पसारी !!
जब मैं था तब हरी नहीं अब हरी है मैं नाही !!
सब अँधियारा मिट गया दीपक देखा माही !!
दुख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय !!
जो सुख में सुमिरन करे दुख काहे को होय !!
मन हीं मनोरथ छांड़ी दे तेरा किया न होई !!
पानी में घिव निकसे तो रूखा खाए न कोई!!
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