दिल कितना भी उदास क्यो ना हो मेरा !!
तुम्हारा मुझे संभाल लेना सुकून देता है !!
इश्क़ लिखने को इश्क़ होना बहुत जरूरी है !!
जहर का स्वाद बिना पिए कोई कैसे बताएगा !!
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल !!
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है !!
एक ख़लिश सी रह गयी दिल में !!
मुझ जैसा इश्क़ करता मुझ से भी कोई !!
हम एस कदर तुम पर मर मिटेंगे !!
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे !!
इश्क का तो पता नहीं पर !!
जो तुमसे है वो किसी और से नहीं !!
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब !!
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो !!
इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं !!
मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है !!
खुशबू से है वो जब आसपास भी नहीं होते !!
फिर भी महसूस होते है !!
इश्क में जिसने भी बुरा हाल बना रखा है !!
वही कहता है अजी इश्क में क्या रखा है !!
इश्क सूफी है ना मुफ्ती है ना आलीम है !!
ये जालीम है बहूत जालीम है फकत जालीम है !!
लिखने को हर दिन आधा इश्क़ लिखता हूँ !!
तुम आओगे तभी तो पूरा होगा !!
इश्क की गहराईयों में खूबसूरत क्या है !!
एक मैं हूँ एक तुम हो और ज़रुरत क्या है !!
इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है !!
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है !!
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से !!
वो होता है और हो कर ही रहता है !!
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Best Ishq Shayari In Hindi
इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझ से !!
क़त्ल होता ही नहीं यार अना का मुझ से !!
हर वक़्त फ़िराकमें रहता है ये मेरा इश्क़ !!
तुमसे मिलने को कहता है !!
हम इस कदर तुम पर मर मिटेंगे !!
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे !!
इश्क़ अगर ख़ाक ना करे !!
तो ख़ाक इश्क़ हुआ !!
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो !!
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं !!
जाने कब उतरेगा क़र्ज़ उसकी मोहब्बत का !!
हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरते हैँ !!
इश्क़ है तो शक कैसा !!
अगर नहीं है तो फिर हक कैसा !!
राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की !!
मेरे खत तुम सरे आम जलाया ना करो !!
ऐ इश्क मुझे अब और जख्म चाहिये !!
मेरी शायरी मे अब वो बात नही रही !!
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब !!
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने !!
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग !!
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग !!
मुक़म्मल ना सही अधूरा ही रहने दो !!
ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं !!
इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया !!
वर्ना हम भी आदमी थे काम के !!
सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा !!
एहसास की एहमियत होती है !!
Best Ishq Shayari
चाहने की वजह कुछ भी नहीं बस इश्क !!
की फितरत है बे वजह होना !!
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं !!
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं !!
कोई समझे तो एक बात कहूँ !!
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं !!
इश्क़ नाज़ुक मिज़ाज है बेहद !!
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता !!
राह ए दूर ए इश्क़ में रोता है क्या !!
आगे आगे देखिए होता है क्या !!
क्या कहूँ तुमसे मैं क्या है इश्क !!
जान का रोग है बला है इश्क !!
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में होते होंगे !!
पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं !!
ऐ इश्क तेरा वकील बनके बुरा किया मैंने !!
यहां हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा है !!
तेरे ख़त में इश्क की गवाही आज भी है !!
हर्फ़ धुंधले हो गए पर स्याही आज भी है !!
साहिब ए अकल हो तो एक मशविरा तो दो !!
एहतियात से इश्क करुं या इश्क से एहतियात !!
लफ़्ज़ों से तुम मेरी तारीफ कर लो !!
इश्क हम तेरी आंखो में ढूँढ लेंगे !!
तुम्हारे इश्क़ का मौसम !!
हर मौसम से सुहाना होता है !!
मुक़म्मल इश्क़ तो इबादत है !!
बस करते चले जाना है !!
सोच कर पांव डालना !!
इसमें इश्क दरिया नहीं दलदल है !!
प्यार करना सीखा है नफरतो का कोई ठौर नही !!
बस तु ही तु है इस दिल मे दूसरा कोई और नही !!
Ishq Shayari In Hindi
किसी ने पूछा कभी इश्क हुआ था !!
हम मुस्कुरा के बोले आज भी है !!
वो कहते है भूल जाओ पुरानी बातों को !!
कोई उसे समझाये कि इश्क़ कभी पुराना नहीं होता !!
आग थे इब्तिदा ए इश्क़ में हम !!
अब जो हैं ख़ाक इंतिहा है ये !!
आज कोई गज़ल तेरे नाम ना हो जाए !!
आज कही लिखते लिखते शाम ना हो जाए !!
इश्क़ इक भारी पत्थर है !!
कब ये तुझ ना तवाँ से उठता है !!
अजब चिराग हूँ दिन रात जलता रहता हूँ !!
थक गया हूँ मैं हवा से कहो बुझाए मुझे !!
इश्क का रोग है जाता नहीं कसम से !!
गले में डालकर सारे ताबीज देखे मैंने !!
इश्क़ में भी कोई अंजाम हुआ करता है !!
इश्क़ में याद है आग़ाज़ ही आग़ाज़ मुझे !!
सुना है हश्र हैं उस की ग़ज़ाल सी आँखें !!
सुना है उस को हिरन दश्त भर के देखते हैं !!
नशा है इश्क़ खता है इश्क़ !!
क्या करें यारो बड़ा दिलकश है इश्क़ !!
बादशाह थे हम अपनी मिजाज ए मस्ती के !!
इश्क़ ने तेरे दीदार का फ़क़ीर बना दिया !!
इक बात कहूँ इश्क़ बुरा तो नहीं मानोगे !!
बड़ी मौज के थे दिन तुमसे पहचान से पहले !!
इबादत ए इश्क बस इतना है तु रहे !!
सदा पास मेरे मै रहू सदा एहसासो मे तेरे !!
फरवरी की एक सर्द शाम और साथ तुम्हारा हो !!
काश कुछ पल ही सही ख़्वाब ये सच हमारा हो !!
जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे !!
उसे ज़िंदगी क्यूँ न भारी लगे !!
Ishq Shayari
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल !!
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है !!
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क वालों का कभी !!
नज़रें उस से क्या मिलीं आज खुद कटघरे में हूँ !!
मेरे इश्क़ से मिली है !!
तेरे हुस्न को ये शौहरत !!
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था !!
मेरी दीवानगी से पहले !!
कुछ तो शराफत सीख ले ऐ इश्क़ शराब से !!
बोतल पे लिखा तो होता है मैं जानलेवा हूँ !!
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर !!
ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है !!
बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के !!
पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई !!
इश्क की गहराईयों में खूबसूरत क्या है !!
एक मैं हूँ एक तुम हो और ज़रुरत क्या है !!
खतम हो गई कहानी बस कुछ अलफाज बाकी हैं !!
एक अधूरे इश्क की एक मुकम्मल सी याद बाकी है !!
खूबसूरत मैं नहीं ये तुम्हारा इश्क़ है !!
जो नूर बनकर मेरी आँखों से छलकता है !!
ऐ इश्क मुझे अब और जख्म चाहिये !!
मेरी शायरी मे अब वो बात नही रही !!
इश्क में मैं खुद को बेकसूर कहती थी पहले !!
भूल जाती हूँ कि इस दिल की भी तो शरारत थी कुछ !!
जाने कब उतरेगा क़र्ज़ उसकी मोहब्बत का !!
हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरते हैँ !!
इश्क़ है तो शक कैसा !!
अगर नहीं है तो फिर हक कैसा !!
इश्क सूफी है ना मुफ्ती है ना आलीम है !!
ये जालीम है बहूत जालीम है फकत जालीम है !!
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नादानियाँ झलकती हैं अभी भी मेरी आदतों से !!
मैं खुद हैरान हूँ के मुझे इश्क़ हुआ कैसे !!
प्यार का पहला इश्क़ का दूसरा मोहब्बत का तीसरा अक्षर अधूरा होता है !!
इसलिए हम तुम्हे चाहते है क्योंकि चाहत का हर अक्षर पूरा होता है !!
आधे से कुछ ज्यादा है पूरे से कुछ कम !!
कुछ जिंदगी कुछ गम कुछ इश्क कुछ हम !!
वो कहता है की बता तेरा दर्द कैसे समझू !!
मैंने कहा की इश्क़ कर और कर के हार जा !!
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग !!
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग !!
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिक़ों से !!
वो होता है और होकर ही रहता है !!
सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा !!
एहसास की एहमियत होती है !!
चाहने की वजह कुछ भी नहीं बस इश्क !!
की फितरत है बे वजह होना !!
रहना यूं तेरे खयालों मे ये मेरी आदत है !!
कोई कहता इश्क कोई कहता इबादत है !!
इन आँखो में कैद थे गुनाह ए इश्क कि सजा के बेहिसाब आंसु !!
तेरी यादों ने आकर उनकी जमानत कर दी !!
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को !!
इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता !!
झुका ली उन्होंने नज़रे जब मेरा नाम आया !!
इश्क़ मेरा नाकाम ही सही पर कही तो काम आया !!
तुम हक़ीक़त-ए-इश्क़ हों या फ़रेब मेरी आँखों का !!
न दिल से निकलते हो न मेरी ज़िन्दगी में आते हो !!
मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता !!
बेचारा दिल तुम्हारी ख़ामोशी को इश्क़ समझ बैठा !!
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गलत सुना था कि इश्क़ आँखों से होता हे !!
दिल तो वो भी ले जाते है जो पलके तक नही उठाते हे !!
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में होते होंगे !!
पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं !!
ऐ इश्क तेरा वकील बनके बुरा किया मैंने !!
यहां हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा है !!
तेरे ख़त में इश्क की गवाही आज भी है !!
हर्फ़ धुंधले हो गए पर स्याही आज भी है !!
वो कहते है भूल जाओ पुरानी बातों को !!
कोई उसे समझाये कि इश्क़ कभी पुराना नहीं होता !!
ना आह सुनाई दी ना तड़प दिखाई दी !!
बर्बाद हो गए तेरे इश्क में हम बड़ी खामोशी के साथ !!
हुस्न की मल्लिका हो या साँवली सी सूरत !!
इश्क अगर रूह से हो तो हर चेहरा कमाल लगता है !!
इश्क का समंदर भी क्या समंदर है !!
जो डूब गया वो आशिक जो बच गया वो दीवाना !!
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब !!
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो !!
इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं !!
मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है !!
खुशबू से है वो जब आसपास भी नहीं होते !!
फिर भी महसूस होते है !!
इश्क में जिसने भी बुरा हाल बना रखा है !!
वही कहता है अजी इश्क में क्या रखा है !!
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो !!
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं !!
जाने कब उतरेगा क़र्ज़ उसकी मोहब्बत का !!
हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरते हैँ !!
इश्क शायरी इन हिंदी
इश्क़ है तो शक कैसा !!
अगर नहीं है तो फिर हक कैसा !!
राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की !!
मेरे खत तुम सरे आम जलाया ना करो !!
ऐ इश्क मुझे अब और जख्म चाहिये !!
मेरी शायरी मे अब वो बात नही रही !!
हर वक़्त फ़िराकमें रहता है ये मेरा इश्क़ !!
तुमसे मिलने को कहता है !!
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब !!
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने !!
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग !!
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग !!
मुक़म्मल ना सही अधूरा ही रहने दो !!
ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं !!
इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया !!
वर्ना हम भी आदमी थे काम के !!
सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा !!
एहसास की एहमियत होती है !!
चाहने की वजह कुछ भी नहीं बस इश्क !!
की फितरत है बे वजह होना !!
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं !!
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं !!
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से !!
वो होता है और हो कर ही रहता है !!
इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझ से !!
क़त्ल होता ही नहीं यार अना का मुझ से !!
हम इस कदर तुम पर मर मिटेंगे !!
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे !!
इश्क़ अगर ख़ाक ना करे !!
तो ख़ाक इश्क़ हुआ !!
इश्क शायरी
इश्क सूफी है ना मुफ्ती है ना आलीम है !!
ये जालीम है बहूत जालीम है फकत जालीम है !!
लिखने को हर दिन आधा इश्क़ लिखता हूँ !!
तुम आओगे तभी तो पूरा होगा !!
इश्क की गहराईयों में खूबसूरत क्या है !!
एक मैं हूँ एक तुम हो और ज़रुरत क्या है !!
तुम्हारे इश्क़ का मौसम !!
हर मौसम से सुहाना होता है !!
राह ए दूर ए इश्क़ में रोता है क्या !!
आगे आगे देखिए होता है क्या !!
क्या कहूँ तुमसे मैं क्या है इश्क !!
जान का रोग है बला है इश्क !!
कोई समझे तो एक बात कहूँ !!
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं !!
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में होते होंगे !!
पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं !!
ऐ इश्क तेरा वकील बनके बुरा किया मैंने !!
यहां हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा है !!
तेरे ख़त में इश्क की गवाही आज भी है !!
हर्फ़ धुंधले हो गए पर स्याही आज भी है !!
साहिब ए अकल हो तो एक मशविरा तो दो !!
एहतियात से इश्क करुं या इश्क से एहतियात !!
लफ़्ज़ों से तुम मेरी तारीफ कर लो !!
इश्क हम तेरी आंखो में ढूँढ लेंगे !!
इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है !!
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है !!
इतनी मोहब्बत तो !!
मैंने खुद से भी नही की है !!
जितनी सनम मुझे तुमसे हो गयी है !!
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मेरा बस चले तो !!
मैं आपको कभी भी पल भर के !!
लिए भी खुद से दूर ना जाने दू !!
मेरे लिए प्यार के मायने बस इतने से है !!
कि तुम मेरे दिल में रहो !!
और मैं तुम्हारे ख्वाबो में रहूं !!
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क !!
वालों का कभी नज़रें उससे क्या मिलीं !!
आज खुद कटघरे में हूँ !!
चलते तो हैं वो साथ मेरे !!
पर अदाज देखिए जैसे की इश्क !!
करके वो एहसान कर रहें है !!
इश्क का दस्तूर ही ऐसा है !!
जो इस को जन लेता है !!
ये उसकी जन लेता है !!
तेरे इश्क़ में हर इम्तिहान दे देंगे !!
हमे है तुमसे मोहब्बत !!
सारी दुनिया से कह देंगे !!
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शमा जली है मोहब्बत की परवाने पास आएंगे !!
माशूक निकले हैं सज धज कर !!
अब इश्क़ का माहोल बनाएंगे !!
जरुरी तो नहीं हर चाहत का मतलब इश्क हो !!
कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए भी !!
दिल बेचैन हो जाता है !!
कत्ल किया था जिसने मेरी मासूम मुहब्बत का !!
वो बा-इज़्ज़त बरी है !!
और हम इश्क़ करके सारे शहर के गुनहगार हो गये !!
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर !!
ये कल भी तकलीफ देता था !!
ये आज भी तकलीफ देता है !!
चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे जब मेरे !!
एहसासों के साथ-साथ !!
उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे !!
रब ना करें इश्क की कमी किसी !!
को सताए प्यार करो उसी से !!
जो तुम्हें दिल की हर बात बताए !!
मैं भी हुआ करता था !!
वकील इश्क वालों का कभी !!
नज़रें उस से क्या मिलीं !!
आज खुद कटघरे में हूँ !!
भटक जाते हैं लोग अक्सर !!
इश्क़ की गलियों में !!
इस सफर का कोई इक !!
नक्शा तो होना चाहिए !!
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ishq quotes
इश्क है वही जो हो एक तरफा !!
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है !!
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ !!
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है !!
मेरे इश्क़ से मिली है !!
तेरे हुस्न को ये शौहरत !!
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था !!
मेरी दीवानगी से पहले !!
कुछ तो शराफत सीख ले !!
ऐ इश्क़ शराब से !!
बोतल पे लिखा तो होता है !!
मैं जानलेवा हूँ !!
बंद कर दिए हैं हमने तो !!
दरवाजे इश्क के !!
पर कमबख़्त तेरी यादें तो !!
दरारों से ही चली आई !!
इश्क की गहराईयों में !!
खूबसूरत क्या है !!
एक मैं हूँ एक तुम हो !!
और ज़रुरत क्या है !!
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया !!
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया !!
हमने तो कभी नही चाहा की हमे !!
भी मोहब्बत हो !!
लेकिन तुम्हारी एक नज़र ने !!
हमे नीलाम कर दिया !!
अपनों की महफिल में गैर भी !!
हैं इश्क के दुश्मन !!
और भी हैं मैं तो चाहता हूँ !!
आपको मगर आपके चाहने !!
वाले और भी हैं !!
बहती हुई आँखों की रवानी में मरे हैं !!
कुछ ख्वाब मेरे ऐन जवानी में मरे हैं !!
इस इश्क ने आखिर हमें बरबाद किया है !!
हम लोग इसी खौलते पानी में मरे हैं !!
कब्रों में नहीं हमको किताबों में उतारो !!
हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं !!
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है !!
इश्क मेरी रुह तो दोस्ती मेरा ईमान है !!
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी !!
पर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान है !!
प्यार का पहला इश्क़ का दूसरा !!
मोहब्बत का तीसरा अक्षर अधूरा होता है !!
इसलिए हम तुम्हे चाहते है !!
क्योंकि चाहत का हर अक्षर पूरा होता है !!
इश्क कर लीजिए बेइंतेहा किताबो से !!
एक यही ऐसी चीज़ है !!
जो अपनी बातों से पलटा नही करती !!
आधे से कुछ ज्यादा है !!
पूरे से कुछ कम !!
कुछ जिंदगी कुछ गम !!
कुछ इश्क कुछ हम !!
इन आँखो में कैद थे गुनाह ए !!
इश्क कि सजा के बेहिसाब आंसु !!
तेरी यादों ने आकर उनकी जमानत कर दी !!
गलत सुना था कि !!
इश्क़ आँखों से होता हे !!
दिल तो वो भी ले जाते है !!
जो पलके तक नही उठाते हे !!
ishq shayari hindi
तू यकीन करें या ना करें !!
तेरे साथ से मैं सवर गई !!
तेरे इश्क के जूनून मे !!
मैं सारी हदों से गुजर गई !!
किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला !!
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला !!
करके इश्क़ कोई ना बच सका !!
जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला !!
बरबाद कर देती है मोहब्बत !!
हर मोहब्बत करने वाले को !!
इश्क़ हार नही मानता और !!
दिल बात नही मानता !!
झुका ली उन्होंने नज़रे जब !!
मेरा नाम आया !!
इश्क़ मेरा नाकाम ही !!
सही पर कही तो काम आया !!
इश्क़ है या कुछ और ये तो !!
पता नहीं पर जो तुमसे है !!
वो किसी और से नही !!
मोहब्बत नही थी तो एक !!
बार समझाया तो होता !!
बेचारा दिल तुम्हारी !!
ख़ामोशी को इश्क़ समझ बैठा !!
कितनी मासुम है दिल की ख्वाहिश !!
इश्क भी करना चाहता है और !!
खुश भी रहना चाहता है !!
तेरी बातों में जिक्र मेरा !!
मेरी बातों में जिक्र तेरा !!
अजब सा ये इश्क हैं !!
ना तु मेरी ना मैं तेरा !!
ना आह सुनाई दी ना तड़प दिखाई दी !!
बर्बाद हो गए तेरे इश्क में !!
हम बड़ी खामोशी के साथ !!
दिल इश्क से !!
बंधा हुआ एक !!
जिद्दी परिंदा है !!
उम्मीदों से ही घायल है !!
उम्मीदों पर ही जिंदा !!
हुस्न की मल्लिका हो या साँवली सी सूरत !!
इश्क अगर रूह से हो तो !!
हर चेहरा कमाल लगता है !!
सुनो मुझे इश्क़ हुआ है !!
दूर रहना तुम हमसे सुना है !!
ये मर्ज छूने से बढ़ जाता है !!
खुदा तू इश्क न करना !!
वरना बहुत पछतायेगा !!
हम तो मर के तेरे पास आयेंगे !!
तू कहाँ जायेगा !!
ज़मीन से आसमान तक !!
इश्क़ का ही बोल बाला है !!
इश्क़ के करने का लेकिन !!
सभी का ढंग निराला है !!
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मै खुद लिखता हूँ मोहब्बत !!
तुम आइने को संवार लो !!
मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ !!
तुम अपनी जुल्फों को सवार लो !!
चर्चे किस्से नाराजगी आने दो मुझको इश्क़ में !!
और इश्क़ को मुझमें मशहूर हो जाने दो !!
साथ देना चाहते है आप की हर राह मे !!
जिंदगी जीना चाहते है !!
आप की बाहों मे बन जाना साँसे हमारी ओर !!
कर देना एहसान इतना जो हो !!
हमारा प्यार सच्चा इस दुनिया मे !!
तुम चाहो अगर तो लिख दो !!
इश्क़ मेरी तकदीर में !!
तुमसे खूबसूरत इबादत तो !!
जन्नत में भी नही !!
मन में छुपे राज़ बताऊ कैसे !!
तुम्हे अपना करीब लावू कैसे !!
दिल के अरमान दिल में रेह न जाए कभी !!
चाहत अपनी तुज पर जताऊ भी तो कैसे !!
मैं आदत हूँ उसकी वो ज़रूरत है मेरी !!
मैं फरमाइश हूँ उसकी वो इबादत है मेरी !!
इतनी आसानी से कैसे !!
निकल दू उसे अपने दिल से !!
मैं ख्वाब हूँ उसका वो हक़ीक़त है मेरी !!
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है !!
झुकी निगाह को इकरार कहते है !!
सिर्फ़ पाने का नाम इश्क़ नही !!
कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं !!
इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो !!
इज़हार ऐ इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है !!
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो !!
ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है !!
यह वही है जो मुझे जीवन पर गर्व करता है !!
आपने मुझे बहुत देर कर दी है !!
प्यार से कोई तरकीब करते हो तो !!
मुझमें हारने की हिम्मत है !!
प्यार लिखने के लिए प्यार !!
का होना बहुत जरूरी है !!
बिना जहर का स्वाद पिए !!
कोई कैसे बता सकता है !!
इश्क है वही जो हो एक तरफा !!
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है !!
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ !!
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है !!
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया !!
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया !!
हमने तो कभी नही चाहा की हमे !!
भी मोहब्बत हो !!
लेकिन तुम्हारी एक नज़र ने !!
हमे नीलाम कर दिया !!
नयनों से नैन मिलाकर महोब्बत का इजहार करूँ !!
बन कर ओस की बुँदे जिन्दगी तेरी गुलजार करूँ !!
संवर जाएगी तेरी मेरी जिन्दगी इश्क के सफर में !!
थाम ले तू हाथ मेरा मैं तेरे हर वादे पे ऐतबार करूँ !!
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है !!
इश्क मेरी रुह तो दोस्ती मेरा ईमान है !!
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी !!
पर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान है !!
होशवालों को खबर क्या !!
बेखुदी क्या चीज़ है !!
इश्क कीजिये फिर समझिये !!
ज़िन्दगी क्या चीज़ है !!
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इश्क कर लीजिए बेइंतेहा किताबो से !!
एक यही ऐसी चीज़ है !!
जो अपनी बातों से पलटा नही करती !!
प्यार था मोहब्बत थी इश्क़ था अदा थी !!
सब कुछ था उस हसीन मैं !!
अगर वफ़ा होती तो कयामत होती !!
वो करते हैं बात इश्क़ की !!
पर इश्क़ के दर्द का उन्हें एहसास नहीं !!
इश्क़ वो चाँद है जो दिखता तो है सबको !!
पर उसे पाना सब के बस की बात नही !!
जरुरी तो नहीं हर चाहत का मतलब इश्क हो !!
कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए भी !!
दिल बेचैन हो जाता है !!
कत्ल किया था जिसने मेरी मासूम मुहब्बत का !!
वो बा-इज़्ज़त बरी है !!
और हम इश्क़ करके सारे शहर के गुनहगार हो गये !!
इश्क़ तो साहब यूं ही मुफ़्त में बदनाम है !!
हुस्न खुद बे-ताब रहता है जलवा !!
दिखाने के लिए !!
तू यकीन करें या ना करें !!
तेरे साथ से मैं सवर गई !!
तेरे इश्क के जूनून मे !!
मैं सारी हदों से गुजर गई !!
किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला !!
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला !!
करके इश्क़ कोई ना बच सका !!
जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला !!
दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे !!
मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे !!
गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है !!
हम दूर से भी अब तुम्हें देखा ना करेंगे !!
कितनी मासुम है दिल की ख्वाहिश !!
इश्क भी करना चाहता है और !!
खुश भी रहना चाहता है !!
तेरी बातों में जिक्र मेरा !!
मेरी बातों में जिक्र तेरा !!
अजब सा ये इश्क हैं !!
ना तु मेरी ना मैं तेरा !!
खतम हो गई कहानी !!
बस कुछ अलफाज बाकी हैं !!
एक अधूरे इश्क की एक मुकम्मल सी याद बाकी है !!
इश्क़ पाने की तमन्ना में कभी कभी ज़िंदगी !!
खिलौना बन जाती है !!
जिसे दिल में बसाना चाहते हैं वो सूरत !!
सिर्फ याद बन जाती है !!
दिल इश्क से !!
बंधा हुआ एक !!
जिद्दी परिंदा है !!
उम्मीदों से ही घायल है !!
उम्मीदों पर ही जिंदा !!
इतनी मोहब्बत तो !!
मैंने खुद से भी नही की है !!
जितनी सनम मुझे तुमसे हो गयी है !!
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मेरा बस चले तो !!
मैं आपको कभी भी पल भर के !!
लिए भी खुद से दूर ना जाने दू !!
मेरे लिए प्यार के मायने बस इतने से है !!
कि तुम मेरे दिल में रहो !!
और मैं तुम्हारे ख्वाबो में रहूं !!
दिल कितना भी उदास क्यो ना हो मेरा !!
तुम्हारा मुझे संभाल लेना सुकून देता है !!
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क !!
वालों का कभी नज़रें उससे क्या मिलीं !!
आज खुद कटघरे में हूँ !!
बहती हुई आँखों की रवानी में मरे हैं !!
कुछ ख्वाब मेरे ऐन जवानी में मरे हैं !!
इस इश्क ने आखिर हमें बरबाद किया है !!
हम लोग इसी खौलते पानी में मरे हैं !!
कब्रों में नहीं हमको किताबों में उतारो !!
हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं !!
मैं भी हुआ करता था !!
वकील इश्क वालों का कभी !!
नज़रें उस से क्या मिलीं !!
आज खुद कटघरे में हूँ !!
भटक जाते हैं लोग अक्सर !!
इश्क़ की गलियों में !!
इस सफर का कोई इक !!
नक्शा तो होना चाहिए !!
चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे जब मेरे !!
एहसासों के साथ-साथ !!
उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे !!
इश्क है वही जो हो एक तरफा !!
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है !!
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ !!
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है !!
चलते तो हैं वो साथ मेरे !!
पर अदाज देखिए जैसे की इश्क !!
करके वो एहसान कर रहें है !!
मेरे इश्क़ से मिली है !!
तेरे हुस्न को ये शौहरत !!
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था !!
मेरी दीवानगी से पहले !!
कुछ तो शराफत सीख ले !!
ऐ इश्क़ शराब से !!
बोतल पे लिखा तो होता है !!
मैं जानलेवा हूँ !!
इश्क का दस्तूर ही ऐसा है !!
जो इस को जन लेता है !!
ये उसकी जन लेता है !!
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर !!
ये कल भी तकलीफ देता था !!
ये आज भी तकलीफ देता है !!
बंद कर दिए हैं हमने तो !!
दरवाजे इश्क के !!
पर कमबख़्त तेरी यादें तो !!
दरारों से ही चली आई !!
ishq hai jindagi jindagi pyar hai
इश्क की गहराईयों में !!
खूबसूरत क्या है !!
एक मैं हूँ एक तुम हो !!
और ज़रुरत क्या है !!
रब ना करें इश्क की कमी किसी !!
को सताए प्यार करो उसी से !!
जो तुम्हें दिल की हर बात बताए !!
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया !!
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया !!
हमने तो कभी नही चाहा की हमे !!
भी मोहब्बत हो !!
लेकिन तुम्हारी एक नज़र ने !!
हमे नीलाम कर दिया !!
अपनों की महफिल में गैर भी !!
हैं इश्क के दुश्मन !!
और भी हैं मैं तो चाहता हूँ !!
आपको मगर आपके चाहने !!
वाले और भी हैं !!
तेरे इश्क़ में हर इम्तिहान दे देंगे !!
हमे है तुमसे मोहब्बत !!
सारी दुनिया से कह देंगे !!
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है !!
इश्क मेरी रुह तो दोस्ती मेरा ईमान है !!
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी !!
पर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान है !!
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शमा जली है मोहब्बत की परवाने पास आएंगे !!
माशूक निकले हैं सज धज कर !!
अब इश्क़ का माहोल बनाएंगे !!
प्यार का पहला इश्क़ का दूसरा !!
मोहब्बत का तीसरा अक्षर अधूरा होता है !!
इसलिए हम तुम्हे चाहते है !!
क्योंकि चाहत का हर अक्षर पूरा होता है !!
इश्क कर लीजिए बेइंतेहा किताबो से !!
एक यही ऐसी चीज़ है !!
जो अपनी बातों से पलटा नही करती !!
आधे से कुछ ज्यादा है !!
पूरे से कुछ कम !!
कुछ जिंदगी कुछ गम !!
कुछ इश्क कुछ हम !!
इन आँखो में कैद थे गुनाह ए !!
इश्क कि सजा के बेहिसाब आंसु !!
तेरी यादों ने आकर उनकी जमानत कर दी !!
इश्क़ नाज़ुक मिज़ाज है बेहद !!
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता !!
जरुरी तो नहीं हर चाहत का मतलब इश्क हो !!
कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए भी !!
दिल बेचैन हो जाता है !!
कत्ल किया था जिसने मेरी मासूम मुहब्बत का !!
वो बा-इज़्ज़त बरी है !!
और हम इश्क़ करके सारे शहर के गुनहगार हो गये !!
गलत सुना था कि !!
इश्क़ आँखों से होता हे !!
दिल तो वो भी ले जाते है !!
जो पलके तक नही उठाते हे !!
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किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला !!
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला !!
करके इश्क़ कोई ना बच सका !!
जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला !!