बंद आंखों के सामने मैंने तुम्हें ही पाया !!
हर पल दिल में मैंने तुम्हें ही बसाया !!
मैं आपके बिना जियु तो जियु कैसे !!
क्या कोई जान के बिना जी पाया है !!
अगर कतल करना है !!
तो चाकू की क्या जरूरत है !!
तुम जरा मुस्कुरा दो !!
हम तो यूंही मर जाएंगे !!
कुछ अजीब सा चल रहा है !!
ये वक्त का सफर !!
एक गहरी सी खामोशी है !!
खुद के ही अंदर !!
मेरी तलाश का है जुर्म !!
या मेरी वफ़ा का कसूर !!
जो दिल के करीब आया !!
वही बेवफा निकला !!
हम भी जिया करते थे कभी !!
परिंदे जैसी आजादी लेकर !!
फिर एक शख्स आया !!
मोहब्बत की आड़ में, मेरी बर्बादी लेकर !!
हमने सोचा था की बताएँगे !!
सब दुःख दर्द तुमको !!
पर तुमने तो इतना भी ना पूछा !!
की खामोश क्यूँ हो !!
हकीकत जान लो जुदा होने से पहले !!
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले !!
ये सोच लेना भुलाने से पहले !!
बहुत रोई हैं आँखें मुस्कुराने से पहले !!
अजनबी की तरह मिले पता नहीं कब पहचान हो गए !!
आपकी हर बात हमारे लिए दास्तान हो गई !!
बातों ही बातो इतना आगे निकल गए !!
पता ही नहीं चला तुम कब कान्हा की जान हो गई !!
दिल में आने का रास्ता तो होता है !!
लेकिन जाने का नहीं !!
इसलिए जब कोई दिल से जाता है !!
तो दिल तोड़कर ही जाता है !!
मोहब्बत की तलाश मैं निकले हो तुम !!
अरे ओ पाग !!
मोहब्बत खुद तलाश करती है !!
जिसे बर्बाद करना हो !!
वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़ कर रोए !!
कोई मजबूरी होगी जो दिल तोड़ कर रोए !!
मेरे सामने कर दिए… मेरी तस्वीर के टुकड़े !!
पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए !!
तेरी नजर कही और है !!
मेरा इशारा कही और है !!
तेरा रूठ जाना और है !!
मेरा तुझे मनाना और है !!
सपनों की तरह आकर चली गई !!
अपनों को भुला कर चली गई !!
किस भूल की सजा दी उसने !!
पहले हंसाया फिर रुला कर चली गई !!
प्यार क्या होता है !!
यह मिलकर जाना है !!
उनसे इसमें दर्द भी होता है !!
दूर रहकर जाना है उनसे !!
आंसुओं को बहुत समझाया तनहाई में आया करो !!
महफिल में हमारा मजाक ना उड़ाया करो !!
इस पर आंसू तड़प कर बोले !!
इतने लोगों में आपको तन्हा पाते हैं !!
इसलिए चले आते हैं !!