15 अगस्त स्वतंत्रता दिन पर सुविचार
काले गोरे का भेद नहीं !!
इस दिल से हमारा नाता है !!
कुछ और न आता हो हमको !!
हमें प्यार निभाना आता है !!
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है !!
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है !!
मैं अमन पसंद हूँ !!
मेरे शहर में दंगा रहने दो !!
हरे और लाल में मत बाँटो मेरी छत पर तिरंगा रहने दो !!
इश्क़ तो करता हैं हर कोई !!
मेहबूब पे मरता हैं हर कोई !!
कभी वतन को मेहबूब बना कर देखो !!
तुझ पे मरेगा हर कोई !!
15 अगस्त की शुभकामना !!
हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे !!
करें कुर्बान हँस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे !!
दिली ख्वाहिश नहीं कोई मगर ये इल्तिजा बस है !!
चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले !!
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद करले !!
जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे !!
देशभक्तो के खून की वो धारा याद करले !!
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा !!
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा !!
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे !!
मेरा कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा !!
ये बात हवाओ को बताये रखना !!
रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना !!
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की !!
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना !!
Happy Independence Day !!
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