Husn shayari in hindi
झूम जाते हैं शायरी के लफ़्ज़ बहार के पत्तों की तरह !!
जब शुरू होता है बयाँ-ऐ-हुस्न महबूब का मेरे !!
जाके डसा मांगे ना पानी !!
हुस्न .इश्क. और जवानी !!
ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा !!
रंगीन तो है बदनाम सही !!
हुस्न वाले जब तोड़ते है दिल किसीका !!
बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम !!
ये हुस्न वाले भी देखो क्या गजब ढाते है !!
कत्त्ल करके नजरों से ,बे-कसूर कहलाते है !!
ये सब हुस्न वाले मेरी माला के मनके हैं !!
नज़र में घूमते रहतें हैं ,इबादत होती रहती है !!
दरिया ऐ हुस्न दो हाथ ओर बढ गया !!
जब उन्होने अंगडाई ली दोनो हाथ उठा कर !!
हुस्न का आशिक तो हर कोइ होता हैं !!
हम तो उनके दिल पर मरते हैं !!
इश्क़ क्या ,हुस्न क्या,फ़साना क्या !!
हम न होंगे तो ये रंग-ए-ज़माना क्या !!
दिल्लगी नहीं शायरी जो किसी हुस्न पर बर्बाद करें !!
यह तो एक शमा है जो उस नूर का पयाम है !!
अपने शब्दों से ही समा जाऊंगा ,ज़हन में तुम्हारे !!
वो निगाहें ,वो हुस्न ,वो मुलाकात की ,जरूरत नही मुझे !!
संभाल नहीं पाते हैं तुमको देख कर मेरी जान !!
हुस्न की बिजली इतनी ना गिरा की मेरी जान निकल जाए !!
ये आईने नही दे सकते तुझे तेरे हुस्न की ख़बर !!
कभी मेरी इन आँखों से आकर पूछ तुम कितनी हसीन हो !!
मैं हुस्न हूँ ,मेरा रूठना लाजिमी है !!
तुम इश्क़ हो, ज़रा अदब में रहा करो !!
जिंदगी दिल के राज तभी खोलती है !!
जब किसी हुस्न की निगाह बोलती है !!
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