Heart Touching Kavita in Hindi
आज पहली बार खुद के पैरों पर बाहर आये हैं !!
जाने कहाँ भाग रहा है सारा शहर !!
किसी के पास वक्त नही एक पल ठहरने का !!
घर वापिस चलो माँ को चिंता हो रही होगी !!
आज व्यस्क हो चूका हूँ !!
बचपन जवानी बुढ़ापा सब समझ आ रहा है !!
पड़ोस से किसी बुजुर्ग के मरने की खबर आई !!
आदमी धरती पर आता है सिर्फ मरने के लिये !!
महफूज रास्तों की तलाश छोड़ दो !!
धूप में तप सको तो चलो !!
छोटी-छोटी खुशियों में !!
जिंदगी ढूंढ सको तो चलो !!
तुम ढूंढ रहे हो अंधेरो में रोशनी !!
खुद रोशन कर सको तो चलो !!
कहा रोक पायेगा रास्ता !!
कोई जुनून बचा है तो चलो !!
खुद पर हंसकर दूसरों को हंसा सको तो चलो !!
दूसरों को बदलने की चाह छोड़ कर !!
खुद बदल सको तो चलो !!
माना मुझसे भी होती है गलतियां !!
पर तुम्हारी गलतियों पर भी !!
मै ही मनाऊ जरूरी तो नहीं !!
बहुत वक्त हो गया है तुमसे बात किए !!
शायद भूल चुके हो अब मुझे !!
पर मै भी तुम्हे भूल जाऊ जरूरी तो नहीं !!
निभा रहा हूँ अपना किरदार जिंदंगी के मंच पर !!
परदा गिरते ही तालीयाँ बजना अभी बाकी हैं !!
कुछ नहीं गया हाथ से अभी तो बहुत कुछ पाना बाकी हैं !!
रफ़ीक़-ए-ज़िन्दगी थी !!
अब अनीस-ए-वक़्त-ए-आखिर है !!
तेरा ऎ मौत! हम ये दूसरा एअहसान लेते हैं !!
लिख देता हूं अपने जज्बातों को कविता में!!
हर बात बोल के बताऊं जरूरी तो नहीं !!
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