Sad Poetry in Hindi
गुजर रही है उम्र !!
पर जीना अभी बाकी हैं !!
जिन हालातों ने पटका है जमीन पर !!
उन्हें उठकर जवाब देना अभी बाकी हैं !!
चल रहा हूँ मन्जिल के सफर मैं !!
मन्जिल कौ पाना अभी बाकी हैं !!
कर लेने दो लोगों को चर्चे मेरी हार के !!
कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी हैं !!
वक्त को करने दो अपनी मनमानी!!
मेरा वक्त आना अभी बाकी है!!
कर रहे है सवाल मुझे जो loser समझ कर!!
उन सबको जवाब देना अभी बाकी हैं!!
यहाँ सब कुछ बिकता है !!
दोस्तों रहना जरा संभल के !!
बेचने वाले हवा भी बेच देते है !!
गुब्बारों में डाल के !!
सच बिकता है, झूट बिकता है !!
बिकती है हर कहानी !!
तीन लोक में फैला है !!
फिर भी बिकता है बोतल में पानी !!
घर में किलकारी गूंजी !!
आज फिर कोई आया है स्वर्ग से !!
पहले क्या कम भीड़ है जमीन पर !!
जो एक ओर पहुंच गया मरने के वास्ते !!
खुशियाँ पसरी हैं चारों ओर !!
बधाई बधाई की आवाजें आ रही है !!
नन्ही मासूम आँखे देख रही है इधर उधर !!
दानवों ने क्यूं घेर रखा है चारों ओर से !!
एक काया हर वक्त परछाई बनी रहती है !!
मुझे हर हाल में जिन्दा रखने के लिये !!
खो देती है अपना चैनो अमन औलाद की खातिर !!
माँ ही तो सचमुच का भगवान होती है !!
अभी से सारी सारी रात नींद ना आती !!
आगे तो पता नही क्या क्या होगा !!
परेशान माँ ने डाट दिया तंग होकर !!
जिन्दगी के पहले कडवे सच मिल रहे है !!
चलो आज घुटनों पर शहर घुमा जाये !!
मेरे दाता ये दुनिया कितनी बड़ी है !!
सारा दिन घूम कर इधर से उधर !!
आखिर में थककर नींद आ जाती है !!
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