Best Hindi Poetry on Life
मंजिलो पे हम मिले ये तय हुआ !!
वापसी में साथ पक्का कर लिया !!
साड़ी दुनिया से लड़े जिसके लिए !!
एक दिन उससे भी झगड़ा कर लिया !!
कुर्ब का उसके उठाकर फ़ायदा !!
हिज्र का सामान इकठा कर लिया !!
गुफ्तगू से हल्फ कुछ निकला नहीं !!
रंजिसो को और ताज़ा कर लिया !!
मोल था हर चीज का बजार में !!
हमने तन्हाई का सौदा कर लिया !!
अना जो मेरी पस्ती में नहीं है !!
किसी के जी हुजूरी में नहीं है !!
वो अपने को बड़ा गिनने लगा है !!
अभी खुद भी जो गिनती में नहीं है!!
उसे भी पारसाई का है दावा !!
सराफत जिसकी घुठि में नहीं है !!
ये पानी किस तरह कस्ती में आया !!
अगर सुराग कस्ती में नहीं है !!
नई मखतर को भी मिलती है वजारत !!
मगर वो राजनीती में नहीं है !!
वो मेरी अक्स भी है !!
मेरी तस्वीर भी है !!
वो मेरी मुर्शिद भी !!
और मेरी पीर भी है !!
उसकी अहमियत बताना भी ज़रूरी है !!
कविता उसकी अहमियत है !!
क्या बताना भी ज़रूरी है !!
है उससे इश्क़ अग़र तो जताना भी ज़रूरी है !!
तुझे मोहब्बत हो गई है !!
किसी और से मेरे मोहल्ले में !!
दिल मुझसे न सही !!
उसी से लगाने तो आ !!
थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै !!
इसलिए दूर निकलना छोड़ दिया है !!
पर ऐसा भी नही हैं कि अब !!
मैंने चलना ही छोड़ दिया है !!
फासलें अक्सर रिश्तों में !!
अजीब सी दूरियां बढ़ा देते हैं !!
पर ऐसा भी नही हैं कि अब मैंने !!
अपनों से मिलना ही छोड़ दिया है !!
हाँ जरा सा अकेला महसूस करता हूँ !!
खुद को अपनों की ही भीड़ में !!
पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने !!
अपनापन ही छोड़ दिया है !!
याद तो करता हूँ मैं सभी को !!
और परवाह भी करता हूँ सब की !!
पर कितनी करता हूँ !!
बस बताना छोड़ दिया है !!
अभी तो हजारों रंग बदलेगी ये ज़िन्दगी !!
ना तू मुझे भूलना ना मैं तुझे !!
ऐसे ही एक दूसरे की याद के साथ !!
जिंदगी गुजर जाएगी !!
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