Best Hindi poetry in Hindi
चेहरों नाम एक साथ !!
आज न याद आ सके !!
वक्त ने किस सबीब को !!
खाबो ख्याल कर दिया !!
मुददतो वाद उसने आज !!
मुझसे कोई गिला किया !!
मन्सबे बिल बड़ी पे क्या !!
मुझको बहाल कर दिया !!
इस क़दर प्यार की वारिश हो की जल थल हो जाऊं !!
तुम घटा बनके चले आओ मैं बादल हो जाऊं !!
घर में बैठा हु चमकते हुए सोने की तरह !!
मैं जो सराबे में आ जाऊ तो पीतल हो जाउं !!
ढूंढते ढूंढते एक उम्र गुजारी जिसको !!
वो अगर सामने आ जाए तो पागल हो जाऊं !!
मुन्तज़िर चाक पे है मेरी अधूरी मिटटी !!
तुम ज़दा हाथ लगाओ तो मुकम्बल हो जाउं !!
मेरे सनातों ने आवद रखा है मुझको !!
मैं तेरे सहर में आ जाऊं तो जंगल हो जाउ !!
बेकली से बेखुदी से कुछ नहीं होता !!
पुकारे क्यों किसी को हम किसी से कुछ नहीं होता !!
कोई जब शहर से जाए रौनक रूठ जाती है !!
किसी के शहर में मौजूदगी से कुछ नहीं होता !!
चमक यु पैदा नहीं हुयी है मेरी जान तुझमे !!
न कहना कभी तू बेरुखी से कुछ नहीं होता !!
जो बात खास है खुद को भी बताऊँ नहीं !!
मैं लुफ्त लेता रहु और मुस्कुराऊँ नहीं !!
उसे सताने का बस यही तरीका है !!
उसके दिल में राहु और समझ में आऊं नहीं !!
तुम तन्हाईयाँ बक्सों गे मुझे वो भी मंजूर है !!
बस कह देना दिल से दूर है !!
चलो धोखा ही था तुम्हारा सब इसक झूठ था !!
वो झूठ अपनी जुबां को कहने देते !!
मैं खुश थी मुझे धोखे में ही रहने देते !!
मेरी जुल्फे नाराज है की तू कहा है !!
मेरी खुशियां नाराज है की तू कहां है !!
अरसा हुआ चाँद खिला नहीं है मेरे आसमान में !!
तारो की आवाज़ है की तू कहाँ है !!
क्यों करते हो यार इतने सवाल मुझसे !!
जब इनके सारे जबाब ही तुम हो !!
तुमसे हर मुक्तसर मुलाकातों को संभाल कर रखा है !!
तुम्हारे लिए ज़ज़्बातो को मसल्सल कर रखा है !!
समझ नहीं आता तुम ख्याल से जुड़े हो या ख्याल तुमसे !!
बस यार तुमने मुझे आजकल पागल कर रखा है !!
तो क्या हुआ अगर तुम साथ नहीं हो !!
तुम्हारा ख्याल साथ तो है !!
हर बार यु ही नहीं खींचा चला आता हु तुम्हारी ओर !!
तुममे कुछ बात तो है !!
नजर चढ़ती है खूब नजर को !!
शराब लिखना चाहती हु !!
नज़र अच्छी नहीं है ज़माने की !!
नज़र को ख़राब लिखना चाहती हु !!
najar की इन्तजार करती है नजरे !!
नजर को किताब लिखना चाहती हु !!
नज़र इजहार आयी है बनकर !!
najar को गुलाब लिखना चाहती हु !!
नजर तेज लहर सी है नजर !!
को सैलाव लिखना चाहती हु !!
नजर पढ़ी भी जाती है नजर !!
को किताब लिखना चाहती हु !!
नजर कितनो से मिली है उसकी !!
नजर का हिसाव लिखना चाहती हु !!
najar से मारे गए हैं आसिक najar को !!
तेज़ाब लिखना चाहती हु !!
नजरो ने सवाल किये हैं मुझसे !!
नजर का जवाब लिखना चाहती हु !!
najar के पीछे मकसद नजर को !!
नकाब लिखना चाहता हु !!
खुवाइसे तो बहुत है पूरा करोगे क्या !!
हाथ पकड़ के चलना है तुम्हारा चलोगे क्या !!
तुम में कुछ बात तो है बात है तो मतलब बहुत सही वाली बात है !!
होने से तुम्हारी एक अलग सी राहत है !!
राहत है तो मतलब बहुत सही वाली राहत है !!
खुवाब जुड़े हैं तुमसे मेरे कभी पास आओ इनसे मिलाऊँगा तुम्हे !!
नजरो में भी सिर्फ तुम्ही बसे हो यार !!
कभी फुर्सत मिले तो एक झलक दिखाऊंगा तुम्हे !!
दिल करता है की तुमसे एक बार बात हो सके !!
सिर्फ तुम और मैं हु वंहा कुछ ऐसी मुलाकात हो सके !!
राते तो हो जाती है तुम्हारे बिना भी !!
पर तुम्हारी आवाज़ सुनके नींद आ जाए कुछ ऐसी रात हो सके !!
दूरियां है हमारे दर्मिया फिर भी तुम बहोत करीब लगती हो !!
वजह नहीं पता तुम्हे चाहने की फिर भी तुम ठीक लगती हो !!
अकेले बैठ के आँखे मीच के खयालो में तुम्हारा खो जाना !!
मायुश होके यादो को याद करके बेवजह यु मुस्कुराना !!
तुम साड़ी तकलीफे दूर कर देती हो एक याद में ही !!
रुला के पहले फिर अलगे ही पल खुश कर देती हो !!
खयालो ख्याल में परेशान तो नहीं होती होगी तुम !!
जब भी तुम्हे ऐसे दूर से देखता हु !!
माफ़ करना अगर हिचकिया आती होगी तुम्हे !!
वो आजकल में तुम्हे थोड़ा ज्यादा याद करता हुn!!
कैसे दूर करू तुम्हे इन खयालो से !!
जब सारे ख्याल ही तुंम हो !!
रो कर बिलख कार तड़प कर तुम जाने देना !!
तस्वीरों में बस यादे रखना यादो में बुनयादे रखना !!
बुनयाद कच्ची थी तुन बस ये समझना !!
खुद को बहला फुसलाकर बस जाने देना !!
जब वो चला जाय तो बिखड़ना मत उसकी !!
यादो की गली से गुजरना मत। मिल जाए !!
नजर किसी मोर पर उसे देखकर !!
कभी पीछे पलटना मत अपनी पलकों को भीगाना मत !!
खुद के सिवा कभी किसी को इतना चना मत !!
जैसा मैं करती हु वैसा !!
तुमसे प्यार नहीं होगा !!
धीरे धीरे फिर वही होगा !!
मैं रह जाऊंगी अकेली तुम साथ नहीं होगा !!
कहने और करने में फर्क नहीं होगा मेरी जान !!
जैसे मैं करती हु वैसे तुमसे प्यार नहीं होगा !!
ख्याल जब भी कोई मन में आता है !!
शब्दों का एक जाल सा बुन जाता है !!
न जाने किए बड़े आराम से सो जातें हैं कुछ लोग !!
मुझे तो आजकल खुवाब भी खुले आँखों में आता है !!
जितने अपने थे सब पराये !!
जितने अपने थे सब पराये !!
हम हवा को गले लगाए थे !!
जितने कसमे थी सब थी सर्मिन्दा !!
जितने वादे थे सर झुकाये थे !!
jitne आँशु थे सब थे बेगाने !!
जितने महिमां थे सब बिन बुलाये थे !!
सब किताबे पढ़ी पढ़ाई थी !!
सारे किस्से सुने सुनाये थे !!
एक बंजर ज़मीं के सीने में !!
मैंने कुछ आसमान उगाये थे !!
सिर्फ दो घुट प्यास के खातिर !!
उम्र भर धुप में नहाये थे !!
हासिये पर खड़े हुए हैं हम !!
हमने खुद हँसिये बनाये थे !!
मैं अकेला उदाश बैठा था !!
मेरा एक खुवाब मुझसे नफरत करने लगा है !!
मेरी मंजिल था कभी !!
आज अपने ही रास्ता पे निकल पड़ा है !!
कुछ चुभता है आज भी !!
सायद उसका खालीपन हो !!
आज मेरे सच में वो अपने !!
झूठ रखने लगा है !!
मेरे खुवाब मुझसे भी नफरत करने लगा है !!
न सच कभी मैंने सुना !!
न सच कभी उसने कहा !!
न कोई साहिल उसने चुना
ना कोई रास्ता बांकी रहा !!
मेरा एक नशा जैसे !!
वो रोज मरहा की तलब हो गयी हो !!
न कभी जहर उसने दिया !!
और न चैन से मैं जीता रहा !!
अब तो मेरा जिस्म भी !!
खुद को ही निचोड़ने लगा है !!
मेरा एक खुवाब मुझसे ही !!
नफरत करने लगा है !!
तुम्हे इस बात का सायद अहसास नहीं होगा !!
की मेरे कितने ख़ास हो तुम !!
तुम्हारे होने से ज़िंदगी खिल सी जाती है !!
तुम्हे पता नहीं पर सच में !!
मेरे दिल के सबसे पास हो तुम !!
तुम्हारी एक अलग ही जगह है दिल में !!
वो जगह कोई और नहीं ले सकता !!
अब मैं कितने भी लोगो से मिल लू न चाहे !!
तुम्हारे जैसा मुझे कोई मिल ही नहीं सकता !!
तो ये बात दीमांग से निकाल दो !!
तुम्हे भूलता जा रहा हु मैं !!
हां रोज बात नहीं हो पाती !!
उसके लिए माफ़ी चाहता हु मैं !!
मेरी पहली praoririty तुम हो !!
और तुम ही रहोगे !!
अभी तक जैसे साथ रहे हो पर पता है मुझे !!
आगे भी ऐसे ही साथ रहोगे !!
मेरी बाते मेरी किस्से मेरी बकवास !!
सब झेल लिए तुमने !!
मेरा दुःख मेरी दर्द मेरी पदेसानियाँ !!
अपने सर ले लिए तुमने !!
डिअर स्पेशल पर्सन !!
तुम्हे कबसे ये बात बतानी थी !!
तुम वजह हो मेरे मुस्कुराने के !!
हमने प्यार को complicate बना दिया !!
की उसकी अटेंशन पाने के लिए !!
उसी को इगनोर करना पड रहा है तुम्हे !!
रिस्ता चलाना भी चाहते हो !!
पर उसे नाम नहीं देना चाहते हो !!
चूम लेते हो एक दूसरे को !!
पर फीलिंग्स नहीं आने देना चाहते हो !!
कितने दिनों से साथ हो पर !!
कमिटमेंट से डर रहे हो !!
ये जेनरेशन देख लो हमारी !!
हम कैसे प्यार कर रहे हैं !!
रिलेशनशिप के आगे casual लगा दो तो !!
दिल बिच में नहीं आता क्या !!
और दिल को बिच में अभी आना नहीं !!
तुम्हारे पास जो स्वीच है !!
जो प्यार को on ऑफ कर सकते हो तुम !!
इस्पे तो बस किसी का चलता ही नहीं था !!
अब इसे भी कंट्रोल कर सकते हो तुम !!
सालो साल साथ रहने के वाद भी !!
ये एक नहीं होना चाहते !!
बोर न हो जाए एक टाइम के वाद !!
इसलिए स्योर नहीं होना चाहते !!
एक इंसान से मुभ करणे के लिए !!
दूसरे इंसान का इस्तेमाल करते हैं !!
जब तक इसक one साइड हो !!
तब तक सिद्दत वाला प्यार करते हैं !!
सिंपल से चीज़ को उलझा के रखा है !!
और फसा लिए दिल बचा के रखा है !!
प्यार का पूछो तो एकबार भी नहीं हुआ !!
पर ब्रेकअप सौ सौ बार हो रखा है !!
ये इस दुनिया को क्या हों रखा है !!
झूठ पर उसके भरोसा कर लिया !!
धूप इतनी थी की साया कर लिया !!
अब हमारी मुश्किले कुछ कम हुयी !!
दुश्मनो ने एक चेहरा कर लिया !!
हाथ क्या आया सजाकर महफिले !!
और भी खुद को अकेला कर लिया !!
हारने का तो हौसला था ही नहीं !!
जीत में दुश्मन का हिस्सा कर लिया !!
मंजिलो पे हम मिले ये तय हुआ !!
वापसी में साथ पक्का कर लिया !!
साड़ी दुनिया से लड़े जिसके लिए !!
एक दिन उससे भी झगड़ा कर लिया !!
कुर्ब का उसके उठाकर फ़ायदा !!
हिज्र का सामान इकठा कर लिया !!
गुफ्तगू से हल्फ कुछ निकला नहीं !!
रंजिसो को और ताज़ा कर लिया !!
मोल था हर चीज का बजार में !!
हमने तन्हाई का सौदा कर लिया !!
अना जो मेरी पस्ती में नहीं है !!
किसी के जी हुजूरी में नहीं है !!
वो अपने को बड़ा गिनने लगा है !!
अभी खुद भी जो गिनती में नहीं है!!
उसे भी पारसाई का है दावा !!
सराफत जिसकी घुठि में नहीं है !!
ये पानी किस तरह कस्ती में आया !!
अगर सुराग कस्ती में नहीं है !!
नई मखतर को भी मिलती है वजारत !!
मगर वो राजनीती में नहीं है !!
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