breakup Kavita Sad
जलाकर खुद को रोशनी फैला सको तो चलो !!
गम सह कर खुशियां बांट सको तो चलो !!
वो बचपन भी कितना सुहाना था !!
जिसका रोज एक नया फसाना था !!
कभी पापा के कंधो का !!
तो कभी मां के आँचल का सहारा था !!
कभी बेफिक्रे मिट्टी के खेल का !!
तो कभी दोस्तो का साथ मस्ताना था !!
कभी नंगे पाँव वो दोड का !!
तो कभी पतंग ना पकड़ पाने का पछतावा था !!
कभी बिन आँसू रोने का !!
तो कभी बात मनवाने का बहाना था !!
सच कहूँ तो वो दिन ही हसीन थे !!
ना कुछ छिपाना और दिल मे जो आए बताना था !!
राह में साथ नहीं मिलेगा अकेले चल सको तो चलो !!
जिंदगी के कुछ मीठे लम्हे बुन सको तो चलो !!
मै जानता हूं अब खुश हो किसी और के साथ !!
पर मै भी तुम्हारी जगह किसी और को लाऊ जरूरी तो नहीं !!
नजर चढ़ती है खूब नजर को !!
शराब लिखना चाहती हु !!
नज़र अच्छी नहीं है ज़माने की !!
नज़र को ख़राब लिखना चाहती हु !!
najar की इन्तजार करती है नजरे !!
नजर को किताब लिखना चाहती हु !!
नज़र इजहार आयी है बनकर !!
najar को गुलाब लिखना चाहती हु !!
नजर तेज लहर सी है नजर !!
को सैलाव लिखना चाहती हु !!
नजर पढ़ी भी जाती है नजर !!
को किताब लिखना चाहती हु !!
नजर कितनो से मिली है उसकी !!
नजर का हिसाव लिखना चाहती हु !!
najar से मारे गए हैं आसिक najar को !!
तेज़ाब लिखना चाहती हु !!
नजरो ने सवाल किये हैं मुझसे !!
नजर का जवाब लिखना चाहती हु !!
najar के पीछे मकसद नजर को !!
नकाब लिखना चाहता हु !!
खुवाइसे तो बहुत है पूरा करोगे क्या !!
हाथ पकड़ के चलना है तुम्हारा चलोगे क्या !!
तुम में कुछ बात तो है बात है तो मतलब बहुत सही वाली बात है !!
होने से तुम्हारी एक अलग सी राहत है !!
राहत है तो मतलब बहुत सही वाली राहत है !!
खुवाब जुड़े हैं तुमसे मेरे कभी पास आओ इनसे मिलाऊँगा तुम्हे !!
नजरो में भी सिर्फ तुम्ही बसे हो यार !!
कभी फुर्सत मिले तो एक झलक दिखाऊंगा तुम्हे !!
दिल करता है की तुमसे एक बार बात हो सके !!
सिर्फ तुम और मैं हु वंहा कुछ ऐसी मुलाकात हो सके !!
राते तो हो जाती है तुम्हारे बिना भी !!
पर तुम्हारी आवाज़ सुनके नींद आ जाए कुछ ऐसी रात हो सके !!
दूरियां है हमारे दर्मिया फिर भी तुम बहोत करीब लगती हो !!
वजह नहीं पता तुम्हे चाहने की फिर भी तुम ठीक लगती हो !!
अकेले बैठ के आँखे मीच के खयालो में तुम्हारा खो जाना !!
मायुश होके यादो को याद करके बेवजह यु मुस्कुराना !!
तुम साड़ी तकलीफे दूर कर देती हो एक याद में ही !!
रुला के पहले फिर अलगे ही पल खुश कर देती हो !!
खयालो ख्याल में परेशान तो नहीं होती होगी तुम !!
जब भी तुम्हे ऐसे दूर से देखता हु !!
माफ़ करना अगर हिचकिया आती होगी तुम्हे !!
वो आजकल में तुम्हे थोड़ा ज्यादा याद करता हुn!!
कैसे दूर करू तुम्हे इन खयालो से !!
जब सारे ख्याल ही तुंम हो !!
जब उससे बात नहीं होती न !!
तो सच में ऐसा लगता है जैस !!
सबकुछ अधूरा सा है !!
मैं जानता हु !!
अब हम साथ नहीं हो सकते !!
लेकिन पता नहीं क्यों फिर भी तुम्हारी !!
बहुत ज़रूरत है मुझे !!
और इस बात को मैं तो क्या !!
कोई भी नहीं बदल सकता है !!
तुम्हे पता है तुम क्या हो मेरे लिए !!
जैसे किसी मुसाफिर का कोई रास्ता हो !!
किसी अधूरी मोहब्बत का मुझसे कोई वास्ता हो !!
जैसे अधूरा कोई सफर था !!
मैं मुसाफिर था तुम मंजिल थी !!
और रास्ता तुम तक पहुंचने का एकदम अलग था !!
जब तुमसे बात नहीं होती न !!
तो ये फ़ोन उठाने का भी मन नहीं करता !!
आँखे थकती नहीं रोने से !!
और तुम्हे याद किये बिना कोई पल नहीं कट्टा !!
जब तुमसे बात नहीं होती न !!
तब सबकुछ अधूरा सा लगता है !!
आज मेरा दिल ज़ख़्मी है !!
और साँसे में मगरूरी है !!
कुछ बातें है जो बेकार है !!
लेकिन तुझे बतानी ज़रूरी है !!
काश तूने नहीं पूछा हाल मेरा !!
लेकिन तबियत मेरी अच्छी है !!
मुस्कान ज़रा सी छोटी है !!
लेकिन बाते बिलकुल सच्ची है !!
आज तुमने नहीं पूछा म !!
मैं फिर भी खाना खाया है !!
आज सुबह तेरी कॉल नहीं था !!
फिर भी मेरी माँ ने मुझे जगाया है !!
एक वक्त था जब तुम्हे कोई छू लेता !!
तो मेरा खून खौल उठता था !!
और इसलिए कई दफा मैंने इन हवाओ !!
से वैर पाला करता था !!
अरे अगर अपने हुस्न के सिवा कुछ !!
नहीं है तुम्हारे पास अगर !!
तो जा तू किसी के साथ हमविस्तर भी हो जा !!
तो मुझे कोई फर्क नहीं पडता !!
एक वक़्त था जब मैं तुमसे प्यार करता था !!
इतना गुरुर किया तूने इस मिटटी के जिस्मो पर !!
जा ये तेरा जिस्म किसी और का हो जाय !!
मुझे फर्क नहीं पड़ता !!
रो कर बिलख कार तड़प कर तुम जाने देना !!
तस्वीरों में बस यादे रखना यादो में बुनयादे रखना !!
बुनयाद कच्ची थी तुन बस ये समझना !!
खुद को बहला फुसलाकर बस जाने देना !!
जब वो चला जाय तो बिखड़ना मत उसकी !!
यादो की गली से गुजरना मत। मिल जाए !!
नजर किसी मोर पर उसे देखकर !!
कभी पीछे पलटना मत अपनी पलकों को भीगाना मत !!
खुद के सिवा कभी किसी को इतना चना मत !!
बुरा लग रहा है !!
जब से तेरी सोहबत में रह रहा है !!
बुरा लग रहा है !!
अब तुझसे थककर ये कहा हमने !!
बुरा लग रहा है !!
जिनके इसारो से मौसम के रुख बदलते थे !!
उन्ही आँखों से दरिया बह रहा है !!
चलने का हौसला नहीं !!
रुकना महाल कर दिया !!
इश्क के इस सफर ने !!
तो मुझको निढाल कर दिया !!
ए मेरी गुलजामि तुझे !!
चाह थी एक किताब की !!
पहले किताब में मगर !!
क्या तेरा हाल कर दया !!
मिलते हुए दिलो के बिच !!
और था फैसला कोई !!
उसने मगर बिछड़ते वक्त !!
और सवाल कर दिया !!
अबकी हवा के साथ है !!
दामने यार मुंतजर !!
बानू ये सबके हाथ में !!
रखना संभाल कर दिया !!
मुमकीनो फैसलो में एक !!
हिज्र का फैसला भी था !!
हमने तो एक बात की !!
उसने कमाल कर दिया !!
मेरे लबो पे मोह्र थी !!
पर मेरे सिसरु ने तो !!
सहर के सहर को मेरा !!
वाक़िफ़े हाल कर दिया !!
लड़की हो तुम !!
लड़की हो तुम थोड़ा लिहाज़ करो !!
लोग क्या कहेंगे आँशु पोछो चेहरा साफ़ करो !!
अगले घर जाना है तुम्हे थोड़ा तो बर्दास्त करो !!
पर लड़की को हर वक़्त सामान की तरह से !!
आंकने वालो तुम भी तो थोड़ी लिहाज़ करो !!
क्या वो औरत है तो उसे ज़ीने का अधिकार नहीं !!
क्यों उसका वेवाक घूमना जमाने तुझे स्वीकार नहीं !!
बागवान के गुलाब से दोस्ती थी !!
मतलब किसी नयाब से दोस्ती थी !!
सबके हिसाब से हममे प्यार था !!
बस उसके हिसाब से दोस्ती थी !!
मैं दुनियादारी की बाते करता !!
उसकी बस किताब से दोस्ती थी !!
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