जब सफ़र की धूप में मुरझा के !!
हम दो पल रुके, एक तन्हा !!
पेड़ था मेरी तरह जलता हुआ !!
दहशत गोली से नही हम दिमाग से करते हैं !!
जरूरी नहीं की आग से जले !!
कुछ लोग तो हमारे नाम से भी जल जाते है !!
सुन मेरे गर्दन की नस भी मेरे जैसी !!
अकड़ती जा रही है क्योंकी आज तक !!
हमने किसी के सामने सर नहीं झुकाया !!
मुझे मत सिखा मोहब्बत की बातें !!
जिन किताबों से तुमने मोहब्बत !!
सीखी वो किताबें हमने लिखी है !!
ना नजर बुरी है ना मुँह काला है !!
अपना कोई क्या बिगाडेगा !!
अपने सिर पे तो, डमरू वाला है !!
नजरिया बदलो, नजारे भी बदलेंगे !!
ये ज़िंदगी है यहाँ तेरे दर्द के !!
भी दीवाने मिलेंगे !!
औकात नहीं है दुश्मनो की आँख से !!
आँख मिलाने की, और बात करते हैं !!
साले घर से उठाने की !!
बादशाह नही, टाइगर हूँ !!
मैं इसलिए लोग इज्ज़त से !!
नही मेरी इजाज़त से मिलते है!!
जंगल में शेर जब चैन की नींद सोता है !!
तो कुत्तो को ग़लतफ़हमी हो जाती है !!
कि जंगल में अपना राज है !!
Attitude तो बचपन से है !!
जब पैदा हुआ तो डेढ़ साल !!
मैंने किसी से बात नही की !!