हम जैसे सिरफिरे ही इतिहास रचते हैं !!
समझदार तो केवल इतिहास पढ़ते हैं !!
हमारी अफवाह के धुएं वही से उठते है !!
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती हैं !!
हाथ में खंजर ही नहीं आँखों में पानी भी चाहिए !!
हमे दुश्मन भी थोडा खानदानी चाहिए !!
आदत हमारी खराब नहीं !!
बस जिंदगी थोड़ी रॉयल जीते हैं !!
गधे हुक्म का इंतज़ार करते हैं !!
शेर सिचुएशन के हिसाब से काम करता हैं !!
हमारी अफवाह के धुंए वही से उठते हैं !!
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती हैं !!
हर वक़्त हर जगह हैं चर्चे मेरे नाम के !!
उससे क्या कहूं जो नही समझते किसी काम के !!
फूल जब कभी उसने छू लिया होगा !!
होश तो ख़ुशबू के भी उड़ गए होंगे !!
इतना भी कीमती ना बना अपने आप को !!
हम गरीब लोग हैं महँगी चीज़ छोड़ दिया करते हैं !!
रास्ते मुश्किल है पर हम मंज़िल ज़रूर पायेंगे !!
ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी है इसे भी ज़रूर हरायेंगे !!