हम बंदूक के ट्रिगर पे नहीँ !!
बल्कि खुद के जीगर पे जीते हैं !!
इरादे सब मेरे साफ़ होते हैं !!
इसीलिए लोग अक्सर मेरे ख़िलाफ़ होते हैँ !!
ये तो बड़ा ही कमाल हो !!
गया मुझे तुझसे प्यार हो गया !!
हम बुरे ही अच्छे है जब अच्छे थे !!
तब लोगो ने कौन सी परवाह की !!
लोग अच्छे लगे तो दिल मैं रखता हूँ !!
नहीं तो कही भी नहीं !!
सोच को सच्चाई में बदलने का !!
दम रखो, हमेशा कामयाब होगे !!
हम बन्दूक के भरोसे मैं नहीं खुद !!
के भरोसे में जीने वाले लोग हैं !!
तुम एक दिल लिये बैठे हो !!
इश्क़ तो नस्ले उजाड़ देता हैं !!
बात भी उन्हीं की होती है !!
जिनमें कोई बात होती है !!
शराफत वाले शरीफ और कमीनेपन !!
वाले कमीने किसी को नहीं जजते !!