जिनमे अकेले चलने का हौसला होता है !!
उनके पीछे एक दिन काफिला चलता है !!
हम आज भी शतरंज का खेल अकेले ही खेलते है !!
क्योकि दोस्त के खिलाफ चाल चलना हमे आता ही नहीं है !!
हमारी शराफत का फायदा उठाना बंद कर दो !!
जिस दिन हम बदमाश बन गए क़यामत आ जायेगी !!
हमारी ताकत का अंदाजा हमारे ज़ोर से नहीं !!
दुश्मन के शोर से पता चलता है !!
हमारी जिंदगी की कहानी कुछ ऐसी है !!
जिसमे हीरो भी हम विलेन भी हम !!
सही वक्त पर करवा देंगे हदों का एहसास !!
कुछ तालाब खुद को समंदर समझ बैठे हैं !!
हम तो दिल के बादशाह है !!
जो सुनते भी दिल की है और करते भी दिल की है !!
हमसे जलने वाले भी कमाल के होते हैं !!
महफिले तो खुद की होती हैं पर चर्चे हमारे होते हैं !!
छोड़ दिया आवारापन तो हमे भुलाने लगे लोग !!
शौहरत कदम चूमती थी जब बदनाम हुआ करते थे !!
इन्कार है जिन्हे आज मुझसे मेरा वक्त देखकर !!
मै खूद को इतना काबील बनाउंगा वो मिलेंगे मूझसे वक्त लेकर !!