गुरु की महिमा है अगम गाकर तरता शिष्य !!
गुरु कल का अनुमान कर गढ़ता आज भविष्य !!
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं !!
विद्यालय है मंदिर मेरा गुरु मेरे भगवान् हैं !!
हमारे हृदय में नित उनके लिए सम्मान है !!
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं !!
वाणी शीतल चन्द्रमा, मुख-मण्डल सूर्य समान !!
गुरू चरनन त्रिलोक है गुरु अमृत की खान !!
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं !!
केवल कान में मन्त्र देना गुरू का काम नहीं है !!
संकट से रक्षा करना शिष्य के !!
कर्म को गति देना भी गुरू का काम है !!
सब धरती कागज करूँ लिखनी सब बनराय !!
सात समुद्र की मसि करूँ गुरु गुण लिखा न जाय !!
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं !!
जो शिष्य होकर भी शिष्यचित बर्ताव नहीं करता !!
अपना हित चाहने वाले गुरू को !!
उसकी घृष्टता क्षमा नहीं करनी चाहिए !!
हरिहर आदिक जगत में पूज्य देव जो कोय !!
सदगुरु की पूजा किए सबकी पूजा होय !!
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं !!
गुरु को पारस जानिए, करे लौह को स्वर्ण !!
शिष्य और गुरु जगत में, केवल दो ही वर्ण !!
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं !!
अभिमान करने वाले, कार्य और !!
अकार्य को न जानने वाले तथा कुपथ !!
पर चलने वाले गुरू का भी परित्याग कर देना चाहिए !!
आरुणि की गुरुभक्ति से हमने शिक्षा पाई है !!
और कबीर जैसे महान संत !!
ने भी गुरु की महिमा गाई है !!