गुरु की महिमा है अगम गाकर तरता शिष्य !!
गुरु कल का अनुमान कर गढ़ता आज भविष्य !!
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते शब्द-शब्द का अर्थ बताते !!
कभी प्यार से कभी डांट से जीवन जीना हमें सिखाते !!
जीवन जितना सजता है माँ-बाप के प्यार से !!
उतना ही महकता है गुरु के आशीर्वाद से !!
माँ-बाप की मूरत है गुरु !!
कलयुग में भगबान की सूरत है गुरु !!
किस किस को मुबारकबाद दू गुरु होने का !!
हर सक्श ने सिखाया है मुझे !!
बिन गुरु ज्ञान नहीं !!
बिन ज्ञान समाज में मान नहीं !!
ईश कृपा बिन गुरु नहीं गुरु बिना नहीं ज्ञान !!
ज्ञान बिना आत्मा नहीं गावहिं वेद पुरान !!
गुरु आपको केवल ज्ञान से नहीं भर देते हैं !!
बल्कि आपके भीतर प्राण शक्ति को जगाते हैं !!
गुरू को किया गया प्रणाम !!
कल्याणकारी होता है !!
गुरू की कृपा से शिष्य !!
बिना ग्रंथ पढ़े ही पंड़ित हो जाता है !!