ईश्वर सर्वत्र विद्धमान है हम सबका पिता है !!
इसलिए हम सबको मिल-जुलकर प्रेम पूर्वक रहना चाहिए !!
मेरा जन्म नहीं हुआ है !!
भला मेरा जन्म या मृत्यु कैसे हो सकती है !!
दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नही रखना चाहिए !!
बिना गुरू के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता है !!
वह जिसे खुद में भरोसा नहीं है !!
उसे कभी ईश्वर में भरोसा नहीं हो सकता !!
दुनिया एक नाटक है !!
जो एक सपने में मंचित है !!
केवल वो बोलो !!
जो तुम्हारे लिए सम्मान लेकर आये !!
जिन्होंने प्रेम किया है वे वो हैं !!
जिन्होंने प्रेम को ढूंढ लिया है !!
आपकी दया मेरी सामाजिक स्थिति है !!
एक योगी को किस बात का भय !!
पेड़ पौधे और जो कुछ भी अन्दर और भाहर है वह खुद ही है !!