फुरसत शायरी
गुजर यगा आज का दिन पहले की तरह !!
ना हम को फुरसत मिली ना उनको ख्याल आया !!
बड़े अजीब से रिश्ते हो गए है आजकल !!
सभी के पास फुर्सत है पर वक़्त नहीं !!
थोड़ी फुर्सत मिले तो आना किसी रोज !!
तुमसे फुर्सत से बात करेंगे उसी रोज !!
पैसे कमाने में इतने भी व्यस्त मत हो जाओ !!
जब फुर्सत मिले तो कोई दोस्त ही रह ना जाएँ !!
हमारे दिल में भी झांको अगर मिले !!
फुर्सत हम अपने चेहरों से इतने नज़र !!
नहीं आते !!
वो झरना वही हसीन शाम दे दो वही प्याला !!
वही झूठा जाम दे दो फुरसत में बस तुम याद !!
आते हो मुझे फिर से कोई नया काम दे दो !!
मुझे दिल से भुलाने वाले !!
कभी फुर्सत से बैठना फिर सोचना !!
मेरा कसूर क्या था !!
जब हो थोड़ी फुरसत !!
तो अपने मन की बात हमसे कह लेना !!
बहुत खामोश रिश्ते कभी जिंदा नहीं रहते !!
खत्म कर दी थी जिंदगी की हर खुशियां तुम पर !!
कभी फुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किसने की थी !!
तुम एकलौते वारिस हो मेरे सारे प्यार के !!
खुदा ने बड़ी फुर्सत से बनाया हैं !!
तुम्हे तभी तो आज तक कोई !!
तुमसा नहीं देखा !!
बड़ी फुर्सत से बैठे हैं आज तेरी यादों के !!
ख़ज़ाने को लेकर मन इन्हे देख कर !!
ऑंखें छलक आयी तो मैं क्या करू !!
फुरसत मिले तो चाँद से मेरे दर्द की कहानी !!
पुछ लेना ,एक वही तो है हमराज मेरा तेरे !!
सो जाने के बाद !!
तमाम लोगों का हाल जाना तमाम लोगों !!
से बात की,कभी फुर्सत ही न मिल सकी !!
खुद से मुलाकात की !!
मिल जाए उलझनों से फुर्सत तो जरा !!
सोचना,क्या सिर्फ फुरसतों मे याद करने !!
तक का रिश्ता है हमसे !!
फुर्सत मिले तोह उनका हाल भी पूछ !!
लिया करो जिनके सीने में दिल की !!
जगह तुम धड़कते हो !!
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