Fursat shayari in hindi
फुर्सत मिले तो कभी बैठ कर सोचना !!
तुम भी मेरे अपने हो या सिर्फ हम ही तुम्हारे हैं !!
नहीं फुर्सत यक़ीन मानो हमें कुछ और करने !!
की,तेरी यादें,तेरी बातें,बहुत मशरूफ रखती हैं !!
खुदा ने बड़ी फुर्सत से बनाया हैं तुम्हे !!
तभी तो आज तक कोई तुमसा नहीं देखा !!
खुद से मिलने की भी फुरसत नहीं है अब मुझे !!
और वो औरो से मिलने का इल्ज़ाम लगा रहे है !!
उसको फुर्सत नहीं मिलती के पलट कर !!
देखें हम ही दीवाने है जो दीवाने बाने रहते हैं !!
फुर्सत निकाल कर आओ कभी मेरी महफ़िल में !!
लौटते वक्त दिल नहीं पाओगे अपने सीने में !!
उन्हें फुर्सत नहीं हमारे लिए !!
चलो “मन” दीवारों से बात करते हैं !!
तुम्हे फुर्सत नहीं अपनी महफ़िल से !!
और हम तुम्हे हर-पल याद करते हैं !!
खुदा ने बड़ी फुर्सत से बनाया हैं तुम्हे
तभी तो आज तक कोई तुमसा नहीं देखा !!
आज सुबह से ही हिचकिया आ रही हैं “मन” लगता हैं !!
आज उन्हें फुर्सत मिल ही गयी,मुझे याद करने की !!
लगता हैं उन्हें अब फुर्सत नहीं मिलती !!
मुझे याद करने की “मन” तभी तो अब हिचकिया आती नहीं !!
चलो छत से ही सही !!
“मन” मेरे जनाजे को देखने की फुर्सत तो उन्हें मिली !!
बड़ी फुर्सत से बैठे हैं आज तेरी यादों के ख़ज़ाने को लेकर !!
इन्हे देख कर ऑंखें छलक आयी तो मैं क्या करू !!
बड़ी फुर्सत से बैठे हैं आज तेरी यादों के ख़ज़ाने को लेकर !!
इन्हे देख कर ऑंखें छलक आयी तो मैं क्या करू !!
बड़ी फुर्सत में रहती हो तुम !!
चली आती हो दिन-रात यादो में !!
इसे भी पढ़े:-